कोलार के मसले पर कांग्रेस अदालत में
भोपाल नगर निगम में कोलार नपा सहित 20 गांवों को शामिल करने के खिलाफ कांग्रेस ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। कांग्रेस का आरोप है कि इस विलय में संविधान और नगर नगर पालिक निगम अधिनियम का उल्लघंन किया गया है। यही नहीं, मंत्री, सांसद और विधायक के कहने पर निगम सीमा का विस्तार किया जा रहा है और निगम चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को लाभ पहुंचाने के हिसाब से वार्डों का परिसीमन हो रहा है।यह याचिका जिला कांग्रेस अध्यक्ष पीसी शर्मा, ग्रामीण अध्यक्ष अवनीश भार्गव और भोपाल नगर निगम परिषद के अध्यक्ष कैलाश मिश्रा सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि, इस विलय से पहले कोलार नपा और संबंधित ग्राम पंचायतों से अनुमति नहीं ली गई। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस इसके खिलाफ कानूनी और सड़कों पर भी लड़ाई लड़ेगी।उल्लेखनीय है कि तीन महीने की मशक्कत के बाद भोपाल नगर निगम में कोलार नगर पालिका और 20 गांवों का विलय किया गया है। इसके बाद निगम का क्षेत्रफल 285 वर्ग किमी से बढ़कर 412.57 वर्ग किमी हो गया है। निगम का यह क्षेत्र ३६ साल बाद बदला है। अब जिला प्रशासन नए क्षेत्र के हिसाब से नगर निगम के वार्डों के परिसीमन की औपचारिक शुरुआत करेगा।जिला प्रशासन ने 141 गांवों को शामिल करने वाले प्रस्ताव में 85 वार्ड रखने के हिसाब से तैयारी की थी, लेकिन गांवों की संख्या कम होने पर इसे 80 तक सीमित किया गया। फिर इसे बदलकर 76 वार्ड रखने का फैसला हुआ। अब जनप्रतिनिधियों के दबाव में इसे भी बदल रहे हैं।बीते तीन महीनों में नगर निगम की सीमा का नया आकार तय करने के लिए प्रशासन ने बार-बार अपने प्रस्ताव बदले। प्रारंभिक प्रकाशन से पहले चार बार विलय के प्रस्ताव बदले गए। फिर आपत्तियों की सुनवाई के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय का दबाव पड़ा, तो एरिया घटाने के लिए भी पांच प्रस्ताव बनाए गए। पूर्व सांसद कैलाश जोशी की पहल पर कोलार नपा के विलय की शुरुआत हुई थी। सरकार ने इसका प्रारंभिक नोटिफिकेशन तक कर दिया था। लेकिन बाद में कोर्ट में याचिका दायर होने की वजह से सरकार ने इससे हाथ खींच लिए थे। जून २०१४ के पहले हफ्ते में सरकार ने राज्य चुनाव आयोग को भी चिट्ठी भेज वर्तमान नगर निगम सीमा में ही चुनाव कराए जाने की सूचना दी थी। इसी बीच सांसद आलोक संजर के सक्रिय होने से एक बार फिर विलय की प्रक्रिया शुरू हो गई।