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ताई से मिलने साईकिल चलाकर उनके घर पहुंचे मंत्री जीतू पटवारी
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इंदौर। राजनीति में अक्सर विरोधी दल के नेताओं की मुलाकात सुर्खियां बन जाती है। रविवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ जब प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी सुबह अचानक पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के घर पहुंच गए। इसके बाद बंद कमरे में दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। दोनों की मुलाकात ने मध्य प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है। हालांकि जीतू पटवारी और सुमित्रा महाजन दोनों इसे सौजन्य मुलाकात बता रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ नगरीय निकाय चुनाव से पहले इस मुलाकात के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। 

जीतू पटवारी रविवार सुबह साइकिल चलाकर पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से मिलने उनके मनीषपुरी स्थित निवास पर पहुंचे। मंत्री पटवारी उनके घर आने वाले है इस बात की जानकारी पहले से ताई को नहीं थी ऐसे में उन्हें अपने घर देखकर पहले तो वे कुछ समझ नहीं पाई और चकित हो गई लेकिन उसके बाद ताई ने उन्हें चाय- नाश्ता कराया और फिर बातचीत का दौर शुरू हुआ। ताई ने टेंचिंग ग्राउंड से आने वाली बदबू की शिकायत भी की। वही इंटरनेशनल स्विमिंग पूल, स्पोटर््स काम्प्लेक्स, डाइट कैम्पस बिजलपुर और पिपलियाहाना क्षेत्र में निर्मित अहिल्या स्मारक की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी। जीतू पटवारी ने सुमित्रा महाजन से कहा आप मुझे पहले डांटो क्योंकि आप जब डांटते हो तो मेरे काम को प्रमाणिकता मिल जाती है। इसके बाद अपने स्वभाव के मुताबिक पटवारी ने माहौल को खुशनुमा बनाने का प्रयास जिसमें वो सफल भी हुए। इस दौरान सुमित्रा महाजन ने जीतू पटवारी की तारीफ करते हुए कहा कि मैंने उसे अच्छा काम करने के लिए आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि अच्छा काम करने वालों को वो हमेशा सुझाव देती रहती हैं। दोनों पार्टियों में अच्छे लोग हैं उनमें एक जीतू पटवारी भी शामिल हैं।

लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने और फिर महाराष्ट्र का राज्यपाल न बनाए जाने से आहत पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और मंत्री जीतू पटवारी की नगरीय निकाय चुनाव से पहले ये मुलाकात सियासी रूप से काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि सुमित्रा महाजन अपने बेटे मंदार महाजन को सक्रिय राजनीति में देखना चाहती है। इस मुलाकात के बाद मंत्री पटवारी ने मीडिया से कहा कि उनकी मुलाकात को राजनीति से जोडक़र न देखा जाए। उन्होंने कहा कि "इस मीटिंग से नगरीय निकाय चुनाव का कोई लेना-देना नहीं है। इंदौर की जनता ने ताई को हमेशा पसंद किया है और उनका लंबा और अच्छा राजनीतिक अनुभव रहा है। ऐसी राजनीतिक शख्सियत हमारे अपने शहर में है, ऐसे में एक अच्छे जनप्रतिनिधि का दायित्व है उनसे अनुभव लें। उनसे इंदौर शहर के विकास, विभाग और मराठी समाज के संबंध में ताई ने कुछ निर्देश दिए थे उनके बारे में उन्हें बताने आया था। उन्होंने कहा कि ताई के मन में दलगत राजनीति नहीं है और वो अब इंदौर, देश और समाज की भलाई के बारे में सोचती है।

 

Kolar News 17 November 2019

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