बिजली बिल बकाया होने पर नहीं बन पायेंगे पंचायत पदाधिकारी
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य शासन को अनुशंसा की गई है कि मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम-1993 में ऐसा प्रावधान जोड़ा जाये कि जिसके नाम से मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मण्डल या उसकी उत्तरवर्ती कम्पनी को देय, छह महीने से अधिक कालावधि की कोई राशि बकाया हो, तो वह चुनाव नहीं लड़ सकेगा। आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग श्री आर. परशुराम ने बताया है कि ऐसा प्रावधान करने से राज्य के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों की निर्वाचित प्रतिनिधि संस्थाओं के लिये अभ्यर्थियों की अर्हताएँ समान हो जायेंगी। उन्होंने बताया कि इस तरह का प्रावधान नगरीय निकायों के चुनाव के लिये पहले से है। नगरीय निकाय निर्वाचन के लिये किये गये प्रावधान के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मण्डल या उसकी उत्तरवर्ती कम्पनियों को देय 6 महीने से अधिक कालावधि के बिजली बिल बकाया होने पर अभ्यर्थी निर्वाचन में भाग नहीं ले सकेंगे। बकाया राशि की गणना राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकाय के निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा की तारीख से 6 माह पूर्व की तारीख से की जायेगी। अभ्यर्थियों को विद्युत आपूर्ति से संबंधित बकाया राशि की जानकारी देनी होगी।