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प्रदेश में वर्षा का नया इतिहास सामान्य से 39 फीसदी अधिक हो चुकी बरसात
प्रदेश में वर्षा का नया इतिहास

अमूमन सितंबर के दूसरे पखवाड़ा में मानसून की विदाई के संकेत मिलने लगते हैं, लेकिन इस वर्ष सितंबर के अंतिम सप्ताह में भी झमाझम बरसात का दौर जारी है। इसी क्रम में गुरुवार सुबह 8ः30 बजे तक प्रदेश में 1289.7 मिमी. बरसात हो चुकी है,जो कि सामान्य (931.1मिमी.) से 39 फीसदी अधिक है। मौसम विज्ञान केंद्र में अभी तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक संभवतः प्रदेश में पहली बार सामान्य से 39 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इसके पूर्व वर्ष-2013 में 30 सितंबर तक सामान्य से 37 फीसदी अधिक बरसात दर्ज की गई थी। विज्ञानियों के मुताबिक रुक-रुक कर बौछारें पड़ने का सिलसिला अभी 2-3 दिन तक जारी रहने के आसार बने हुए हैं।

 

मौसम विज्ञान केंद्र के प्रवक्ता जीडी मिश्रा के मुताबिक अभी तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक पहली बार प्रदेश में सामान्य से 39 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है। अभी बरसात के सीजन(30 सितंबर) को पूरा होने में चार दिन शेष भी हैं। उधर, गुरुवार को सुबह 8ः30 बजे से शाम 5ः30 बजे तक दमोह में 26, सीधी में 16, नौगांव और शाजापुर में 12,जबलपुर में 9.6, सागर में 9, रतलाम और सिवनी में 5, भोपाल में 3.4,पचमढ़ी और खरगोन में 3 मिमी. बरसात हुई।

वरिष्ठ मौसम विज्ञानी उदय सरवटे ने बताया कि वर्तमान में एक ट्रफ (द्रोणिका लाइन) महाराष्ट्र कोस्ट से बिहार तक बना हुआ है। यह सिस्टम महाराष्ट्र, मप्र और उप्र से होकर गुजर रहा है। इसके असर से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से बड़े पैमाने पर नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इस वजह से प्रदेश के कई स्थानों पर रुक-रुक कर बौछारें पड़ने का सिलसिला जारी है। सरवटे के मुताबिक बरसात का यह क्रम अभी 2-3 दिन तक जारी रहने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है।

Kolar News 27 September 2019

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