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अति-वृष्टि और बाढ़ से प्रदेश को अब तक 11 हजार 906 करोड़ की क्षति
11 हजार 906 करोड़ की क्षति

अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल से तत्काल राहत उपलब्ध कराने का अनुरोध
छोटी अवधि के कृषि ऋण को मध्यम अवधि ऋण में बदलने की मांग
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न

मुख्य सचिव श्री एस.आर.मोहन्ती ने निर्देश दिए हैं कि, प्रदेश में अति-वृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी सभी विभाग 24 सितम्बर तक राहत आयुक्त को सौंप दें। प्रदेश के 52 में से 36 जिलों में क्षति बहुत अधिक हुई है। उन्होंने कहा कि राहत पहुँचाने, आगामी रबी फसल के संधारण और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए केन्द्रीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है। श्री मोहन्ती मंत्रालय में अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल के साथ बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में केन्द्रीय दल को वर्षा ऋतु में अति-वृष्टि और बाढ़ से प्रदेश में अब तक हुई क्षति की जानकारी दी गई।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नई दिल्ली के संयुक्त सचिव श्री संदीप पौण्डरिक के नेतृत्व में आया केन्द्रीय दल दो दिन में प्रदेश के पाँच जिलों क्रमश: विदिशा, रायसेन, राजगढ़, मंदसौर और आगर-मालवा का भ्रमण करेगा। केन्द्रीय दल में ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के उप सचिव श्री के.एम. सिंह, जल संसाधन मंत्रालय के संचालक श्री मनोज पोनीकर, कृषि मंत्रालय के संचालक डॉ.ए.के. तिवारी, वित्त मंत्रालय के संचालक श्री अमरनाथ सिंह तथा ऊर्जा मंत्रालय के सहायक संचालक श्री सुमित गोयल सम्मिलित हैं।

प्रमुख सचिव राजस्व श्री मनीष रस्तोगी ने कहा कि प्रदेश में वर्षा निरंतर जारी है। श्री रस्तोगी ने केन्द्रीय दल के सम्मुख अब तक हुई क्षति की जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि सभी विभागों से जानकारी प्राप्त होने तथा मानसून समाप्ति के बाद क्षति की जानकारी अंतिम रूप से प्रस्तुत की जा सकेगी। श्री रस्तोगी ने बताया कि जनहानि और पशुधन की हानि के मामलों में तत्काल राहत उपलब्ध कराई गई है। एसडीआरएफ के अंर्तगत अब तक 125 करोड़ रूपये की राहत प्रदान की जा चुकी है। फसलों को हुए नुकसान का सर्वेक्षण 24 सितम्बर तक पूर्ण होगा। तत्पश्चात 27 सितम्बर तक सहायता के लिए अंतिम रूप से मांग प्रस्तुत की जा सकेगी। राज्य सरकार ने छोटी अवधि के कृषि ऋण को मध्यम अवधि ऋण में बदलने की मांग भी रखी।

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में 18 सितम्बर तक 1203.5 एम.एम. वर्षा हुई, जो सामान्य से 37 प्रतिशत अधिक है। लगभग 24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 22 लाख किसानों की 9 हजार 600 करोड़ रूपये की खरीफ फसल प्रभावित हुई है। प्रदेश में मकानों को हुई क्षति लगभग 540 करोड़ है। इसी क्रम में सड़कों की क्षति का अनुमान 1566 करोड़ रूपये और लगभग 200 करोड़ रूपये का अन्य नुकसान भी हुआ है। केन्द्रीय दल को अवगत कराया गया कि प्रदेश को अब तक 11 हजार 906 करोड़ रूपये की क्षति हुई है। प्रदेश में बाढ़ और आकाशीय बिजली से 225 लोगों की मृत्यु हुई और लगभग 1400 से अधिक जानवरों की मौत हुई।

केन्द्रीय दल को अति-वृष्टि के दौरान प्रदेश के बांधों, तालाबों और नदियों की स्थिति तथा बचाव के लिए किये गए कार्यो से अवगत कराया गया।

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रभांशु कमल, अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण श्री इकबाल सिंह बैस, अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री मनोज श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती गौरी सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री मोहम्मद सुलेमान सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

Kolar News 20 September 2019

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