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प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए राज्य सरकार पर्यटन पर विशेष ध्यान दे रही है। इसे लेकर प्रदेश में पर्यटन के नए रास्ते खोजे जा रहे हैं। इसमें पर्यटन के अलावा वन विभाग भी भूमिका निभा रहा है। वन विभाग ने हाल ही में 12 नए अभयारण्य खोलने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसमें जबलपुर, इंदौर में भी अभयारण्य प्रस्तावित किए गए हैं। संबंधित जिलों के डीएफओ से अभयारण्य के लिए स्थान का चयन करने को कहा गया है। एक अभयारण्य के लिए कम से कम 200 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है।
वर्तमान में प्रदेश में 10 नेशनल पार्क और 25 अभयारण्य हैं। इनसे सरकार को हर साल करीब 27 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है। इस राशि को 200 करोड़ रुपए तक ले जाने की तैयारी है।
इसके लिए वन्यप्राणी मनोरंजन केंद्र के साथ ही नए अभयारण्य भी खोले जा रहे हैं। वनमंत्री उमंग सिंघार ने इसमें रुचि दिखाई है। इसके बाद विभाग नए अभयारण्यों की तैयारी में जुट गया है। एक प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है, जबकि डीएफओ से स्थान चयन कर पूरी प्लानिंग के साथ प्रस्ताव भेजने को कहा है।
इन जिलों में खुलेंगे अभयारण्य
वन विभाग ने प्रारंभिक तौर पर श्योपुर, बालाघाट, मंडला, छिंदवाड़ा, शहडोल, डिंडौरी, सागर, खंडवा, जबलपुर, इंदौर, सिवनी और होशंगाबाद में वाइल्ड लाइफ अभयारण्य खोलने का प्रस्ताव दिया है। जबकि रातापानी और मानधाता को नेशनल पार्क बनाने की तैयारी है। इनके भी प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिए गए हैं।
गठन की तैयारी
नए अभयारण्य बनने से शाकाहारी जानवरों की संख्या बढ़ेगी और उनके ऊपर निर्भर बाघ, तेंदुओं की संख्या में भी वृद्धि होगी। नए अभयारण्यों के गठन किया जा रहा है। - जेएस चौहान, अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक, वाइल्ड लाइफ
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