भोपाल मेयर पद के लिए बीजेपी से आलोक शर्मा का नाम
भोपाल नगर निगम चुनाव को लेकर कोलार इलाके ने सब के समीकरण बदल दिए हैं लेकिन भाजपा जमावट जोरदार हैं और बीजेपी महापौर पद के लिए आलोक शर्मा को मैदान में उतारना चाहती है। बीजेपी जिलाध्यक्ष आलोक शर्मा को महापौर पद का प्रत्याशी बना सकती है। हालांकि पूर्व विधायक रमेश शर्मा, ध्रुवनारायण सिंह, ओम यादव और कृष्णमोहन सोनी भी जुगत में हैं। कुछ दावेदार दिल्ली तक दौरा कर आए हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि विधानसभा में टिकट की दावेदारी करने के बाद भी आलोक शर्मा को टिकट नहीं मिला था। लोकसभा चुनाव के दौरान भी नाम चला, लेकिन टिकट नहीं मिला। इसीलिए इस बार उनकी दावेदारी को मजबूत माना जा रहा है। जनवरी के पहले पखवाड़े में उम्मीदवार की घोषणा संभव है। कोलार विलय के बाद भोपाल नगर निगम में भाजपा के समीकरण बदल गए हैं। भाजपा को उम्मीद है कि इस बार जीत के अंतर का रिकॉर्ड बनाया जा सकता है, क्योंकि कोलार को भाजपा का गढ़ माना जाता है। महापौर कृष्णा गौर पिछला चुनाव काफी कम अंतर से जीत पाईं थीं। कांग्रेस में करीब एक दर्जन नेता महापौर के टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। सुरेश पचौरी के गुट से निगम परिषद अध्यक्ष कैलाश मिश्रा प्रमुख दावेदार हैं। इसी गुट से सुनील सूद भी दावेदारी कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के कैंप से विभा पटेल, पीसी शर्मा और पिछला चुनाव हारीं आभा सिंह दावेदार हैं। प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के करीबी पूर्व महापौर दीपचंद यादव भी टिकट मिलने की आस में हैं। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने अल्पसंख्यक कोटे से मुनव्वर कौसर की सिफारिश की है। स्थानीय विधायक आरिफ अकील अपने भाई आमिर अकील को महापौर का टिकट देने की वकालत कर रहे हैं। भोपाल नगर निगम के चुनाव जनवरी के आखिरी सप्ताह में हो सकते हैं। 27 दिसंबर को चुनावी तारीख की घोषणा के तुरंत बाद यहां नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। दरअसल, एक जनवरी को मौजूदा नगर निगम परिषद का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इससे पहले ही चुनाव की तारीख की घोषणा होना जरूरी है, वर्ना जिला प्रशासन को नई मतदाता सूची बनानी होगी। राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों का कहना है कि भोपाल में 31 जनवरी या इससे हफ्ते भर पहले किसी भी तारीख में चुनाव हो सकते हैं। 31 दिसंबर से 10 जनवरी तक नाम निर्देशन पत्र भरने की प्रक्रिया चलेगी। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि चुनाव की घोषणा व तारीख अंतिम रूप से आयोग ही तय करेगा। भोपाल में परिसीमन के बाद इस बार वार्डों की संख्या बढ़कर 85 हो गई है।