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प्रारंभिक तौर पर बीआरटीएस का इंफ्रास्ट्रक्चर में कोई खामी नहीं है। बीआरटीएस में हो रही दुर्घटनाओं को लेकर कहा कि यह डेटा के अध्ययन के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। डॉ वेलुमुरुगन बीआरटीएस पर रिपोर्ट तैयार करेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।बीआरटीएस लेन के अध्ययन के लिए सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली (सीआरआरआई) के सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. एस वेलुमुरुगन मंगलवार को भोपाल पहुंचे, उन्होंने बैरागढ़ में लेन का निरीक्षण किया। डॉ वेलुमुरुगन ने नवदुनिया से कहा कहा की लेन में बूम बेरियर लगने चाहिए। उन्होंने कहा कि बीआरटीएस हटाने की जरूरत नहीं है। कुछ व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की जरूरत है। दिल्ली और भोपाल के बीआरटीएस की तुलना नहीं की जा सकती। यहां बसों की फ्रिक्वेंसी बढ़ाने की जरूरत है। प्राइवेट और दूसरी बसों को कारीडोर में चलने के लिए अध्ययन करना होगा। इसकी रिपोर्ट बनाने के लिए तीन से चार महीने लग सकते हैं। वेलुमुरुगन के साथ मंत्रालय में बैठक रखी गई है। इस दौरान लेन के निर्माण, फायदे व नुकसान, दुर्घटनाएं, भविष्य में ट्रैफिक सिस्टम, जनसंख्या व कनेक्टविटी पर विचार मंथन किया जाएगा।
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