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भोपाल में बिजली जाने और अघोषित कटौती से केवल जनता ही नहीं सरकार भी परेशान है| मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में बिजली जाने और अघोषित कटौती को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है।कमलनाथ ने अफसरों को चेतावनी दी है की वो व्यवस्था में सुधार लाएं, वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
बिजलीकटौतीमामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ एक्शन में हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बिजली जाने और अघोषित कटौती के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री ने इस संबंध में बिजली कंपनियों के आला अफसरों की अहम बैठक बुलाई है। जिसमें सभी मामलों पर चर्चा की जाएगी।"
मुख्यमंत्री ने जिम्मेदार अधिकारियों से पूंछा की को, "सर प्लस बिजली होने के बाद प्रदेश के कई हिस्सों से बिजली गुल व कटौती के मामले सामने क्यों आ रहे है ? इस तरह के मामले बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे। जिम्मेदार अधिकारी स्थिति में सुधार लाएं वरना कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि, अब वो खुद विद्युत वितरण और शिकायतों के काम की मॉनिटरिंग करेंगे और समय- समय पर ज़िम्मेदार अधिकारियों से रिपोर्ट भी लेंगे।मध्य प्रदेश में रविवार को कई स्थानों पर आंधी और बारिश के बाद घंटों बिजली गुल और अघोषित कटौती के मामले सामने आए थे। जिस पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी दिखाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को कहा कि किसी भी प्रकार के फॉल्ट और तकनीकी खामी के चलते अगर बिजली वितरण में व्यवधान होता है तो ये समझा जा सकता है, लेकिन बगैर किसी वजह के अगर बिजली गुल रहती है या बिजली कटौती की जाती है तो वो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे और खेती के लिए कम से कम 10 घंटे बिजली दी जाए।
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