शनि पूजा विवाद में कूदे बाबूलाल गौर
शनि सिंगणापुर मंदिर में महिलाओ के जाने पर रोक को लेकर विवाद के बीच मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने महिलाओं के शनि मंदिर जाने पर ही सवाल खड़ा कर दिया है । इसी विवाद में शंकराचार्य के बयान के विरोध में संत ही आवाज उठा रहे हैं. कल शंकराचार्य ने ये कह दिया था कि शनि कोई देवता नहीं बल्कि एक ग्रह हैं जिन्हें बुलाने के लिए नहीं बल्कि दूर करने के लिए पूजा की जाती है।बाबूलाल गौर ने मंदिर विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "महिलाएं अगर घर में ही पूजा कर लें तो बहुत है.'' ये बयान देकर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर भी शनि पूजा विवाद में कूद गए हैं । बाबूलाल गौर ने तो महिलाओं के शनि मंदिर जाने पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। इससे पहले द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने तो महिलाओं के शनि देव की पूजा करने पर ही सवाल उठा दिया था।द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा था, ''शनि भगाने का देवता है बुलाने का नहीं। महिलाओं को यह बात समझनी चाहिए।" शंकराचार्य का बयान शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को पूजा का अधिकार देने के विरोध में था, लेकिन अपने बयान के दौरान उन्होंने शनि देव के बारे में जो बातें कहीं उसने संत समाज को भी दो धड़ों में बांट दिया है।संतों का एक वर्ग शनि देव को भगवान बता रहा है, तो कुछ संत शनि देव पर शंकराचार्य के बयान से सहमत हैं ।हालांकि शंकराचार्य से अलग ज्यादातर साधु-संतों ने शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को पूजा की इजाजत देने के समर्थन में हैं।वीएचपी नेता साध्वी प्राची ने शंकराचार्य के बयान का विरोध किया है ।शनि शिंगणापुर मंदिर में शनि देव के चबूतरे पर महिलाओं के पूजा करने की परंपरा नहीं है। रणरागिनी भूमाता ब्रिगेड ने मंगलवार को इस परंपरा को तोड़ने की कोशिश की थी। संगठन की मुखिया तृप्ति देसाई 400 महिलाओं के साथ मंदिर में पूजा करने के लिए जा रही थीं जिन्हें हिरासत में लिया गया था. शनि शिंगणापुर के अलावा ऐसे कई मंदिर और दरगाह हैं जहां महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत नहीं है।इन जगहों पर भी महिलाओं को जाने की इजाजत नहीं उनमें नासिक का त्रयंबकेश्वर मंदिर, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में भवानी दीक्षा मण्डपम, दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन दरगाह और मुंबई में हाजी अली दरगाह में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत नहीं है। इन सबसे अलग अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सेंट्रल लाइब्रेरी में भी लड़कियों को जाने की इजाजत नहीं है।