साफ़ सफाई में अब भोपाल 21वें पायदान पर
कोलार के हाल ख़राब स्वच्छ भारत मिशन रैंकिंग में भोपाल 21वें पायदान पर आया है। लेकिन कोलार इलाके की सफाई व्यवस्था अब भी भगवान भरोसे है। स्वच्छता रैंकिंग में इसे नगर निगम की बड़ी छलांग कहा जा सकता है। क्योंकि बीते साल भोपाल 105वें नंबर पर था। महापौर आलोक शर्मा की जिदभरी पहल के चलते यह सफलता मिली है। इससे खासे उत्साहित निगम कमिश्नर तेजस्वी नायक ने दावा किया है कि भोपाल 2016 में टॉप 5 में शामिल होगा। गौरतलब है कि बीते साल भारत के केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छता सर्वे के दौरान देश के 476 शहरों का सर्वे किया। इसमें मध्य प्रदेश के 32 शहर थे। तब रैंकिंग में छिंदवाड़ा सबसे साफ और स्वच्छ शहर बना था तो भोपाल को 105वां स्थान मिला था। इसके बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने नए सिरे से स्वच्छता का पैमाना नापने की मुहिम शुरू की। कुल 75 शहरों में सर्वे कर सफाई को रैंकिंग दी गई। इसी में भोपाल को 21वां स्थान मिला है। गुपचुप शहर में घूमी थी टीम : अहम बात यह है कि स्वच्छ भारत में भोपाल की रैंकिंग आंकने को केंद्र ने एक टीम भेजी थी। टीम ने गुपचुप तरीके से शहर में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया था। यही नहीं उन्होंने नगर निगम से जानकारी लेने के साथ अलग-अलग जगहों पर लोगों से चर्चा की थी। टीम ने रैंकिंग तय करने के लिए शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन से लेकर कचरे के निपटारे, स्वच्छता प्रचार-प्रसार तक हर स्टेज के बारे में विस्तृत सर्वे किया था।सर्वे कुछ भी कहे लेकिन महापौर आलोक शर्मा के प्रयासों का कोलर इलाके में कोई असर नजर नहीं आता है। गन्दी सड़कें ,नारकीय जीवन जीने को मजबूर कोलार के लोग नगर निगम अमले को कोसते नजर आते हैं। ऐसा लगता है कि पार्षदों और विधायक और नगर निगम अधिकारीयों को लगता है यह इलाका अपने आप साफ़ हो जाएगा।