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शिवराज सरकार के खिलाफ कांग्रेस विधायक दल ने बुधवार को विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दे दी।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सुबह विधानसभा पहुंचे और उन्होंने प्रमुख सचिव विधानसभा अवधेश प्रताप सिंह को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दी। अविश्वास प्रस्ताव की सूचना देने के लिए कांग्रेस विधायकों में से कोई भी मौजूद नहीं था, केवल नेता प्रतिपक्ष वहां थे। नेता प्रतिपक्ष ने आशंका जताई है कि सरकार प्रस्ताव पर चर्चा से बचने के लिए सत्र को समय से पूर्व समाप्त कर सकती है।
नेता प्रतिपक्ष ने प्रमुख सचिव सिंह से सवाल किया कि अब तक कितने छोटे सत्र बुलाए गए हैं तो उन्होंने 1986 से लेकर अब तक बुलाए गए ऐसे सत्रों के बारे में बताया। 23 से 26 जून 1986, 17 से 21 दिसंबर 1990, 7 से 11 जुलाई 2008 और 16 से 20 मार्च 2009 चार से छह दिन के सत्र थे। विस के प्रमुख सचिव ने कहा कि पांच दिन के सत्र में भी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा पूरी कराई जा सकती है।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने 2013 की तरह षड्यंत्र करना शुरू कर दिया है। पिछली बार एक विधायक को अपने साथ कर लिया था और इस बार मेरे परिवार को इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने मां (सरोज कुमारी) द्वारा अदालत में लगाए गए परिवाद को इसी षड्यंत्र का हिस्सा बताया है।
सदन के दस फीसदी सदस्यों का मत पक्ष में होने पर अविश्वास प्रस्ताव ग्राह्य होता है।आरोप पत्र सौंपने के बाद कम से कम दो दिन का समय सीएम या संबंधित मंत्रियों व सत्ता पक्ष को जवाब देने के लिए समय देना जरूरी है।
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