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प्रदेश के दोनों बड़े शहर इंदौर और भोपाल का 2050 तक बारिश का तरीका (पैटर्न) बदल जाएगा। बर्षा समय पर नहीं होगी। जलवायु परिवर्तन के अध्ययन के लिए तैयार किए मॉडल के आधार पर तैयार पूर्वानुमानों से यह संकेत मिले हैं। यह कहना है कि स्मार्ट सिटी के चीफ प्लानर वीपी कुलश्रेष्ठ का। वे विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर यहां मेपकास्ट में 'जलवा
भोपाल। प्रदेश के दोनों बड़े शहर इंदौर और भोपाल का 2050 तक बारिश का तरीका (पैटर्न) बदल जाएगा। बर्षा समय पर नहीं होगी। जलवायु परिवर्तन के अध्ययन के लिए तैयार किए मॉडल के आधार पर तैयार पूर्वानुमानों से यह संकेत मिले हैं। यह कहना है कि स्मार्ट सिटी के चीफ प्लानर वीपी कुलश्रेष्ठ का। वे विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर यहां मेपकास्ट में 'जलवायु परिवर्तन ज्वलंत मुद्दे और समस्याएं' विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में हीट आईलैंड जैसी स्थिति बन रही है। यह इस बात के संकेत हैं कि स्थनीय तापमान में बढ़ोतरी जारी रहेगी। 2050 तक इन शहरों का तापमान 45 डिग्री तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि शुष्क और अर्धशुष्क इलाकों में सतही जल का संकट पैदा होगा। प्रवासी पक्षियों के प्रजनन और प्रवास पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए संसाधनों के फिर इस्तेमाल पर जोर होना चाहिए। इस दौरान मेपकास्ट के महानिदेशक डॉ. नवीन चंद्रा व अन्य वैज्ञानिकों ने विज्ञान भवन में पौधरोपण किया।
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