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शिवराज के जाने पर आनंद की सियासत
शिवराज के जाने पर आनंद की सियासत

 

आनंद विभाग के एक कार्यक्रम में गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक मजाक ने अचानक राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी। मुख्यमंत्री ने भाषण के अंत में कहा कि मेरे झाबुआ, आलीराजपुर में कुछ कार्यक्रम हैं तो जल्दी जाना पड़ेगा। सामने रखी कुर्सी की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे एक मौका और मिलेगा, यह कुर्सी जिस पर लिखा है माननीय मुख्यमंत्री। उस पर भी कोई बैठ सकता है।

गुरुवार सुबह-सुबह नई दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री के इतना कहते ही अचानक राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई। कांग्रेस नेताओं के एक के बाद धड़ाधड़ ट्वीट आने लगे, तो भाजपा नेताओं ने भी इस पर सफाई दी। सोशल मीडिया के कई ग्रुप पर तो नेतृत्व परिवर्तन की अफवाह उड़ने लगी।

अपने बयान के करीब पांच घंटे बाद मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि 'कार्यक्रम में मेरे लिए आरक्षित रखी गई कुर्सी को लेकर थोड़ा-सा मजाक क्या कर लिया, कुछ मित्र अत्यंत आनंदित हो गए। चलो, मेरा आनंद व्याख्यान में जाना सफल हो गया।"

कांग्रेस नेताओं ने कहा- सीएम ने चुनाव से पहले स्वीकारा

मुख्यमंत्री के बयान के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को हटाया जा रहा है या वे यह सच स्वीकार कर चुके हैं कि अबकी बार-कांग्रेस सरकार।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बयान दिया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को हकीकत समझ आने लगी है। अभी चुनावों में वक्त है, लेकिन शिवराज सिंह अभी से हताश होने लगे हैं। 

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट कर कहा कि अपने कर्मों से अब मुख्यमंत्रीजी खुद अहसास करने लगे हैं कि अब मैं नहीं कोई और मुख्यमंत्री होगा। यह सच्चाई स्वीकार करने में इतना समय क्यों लगा मुख्यमंत्रीजी?

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा कि मप्र में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही सभी खबरें पूरी तरह असत्य और अफवाह हैं। प्रदेश में आगामी चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।

भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि देशभर में कांग्रेस का संकट यह है कि वे मजाक की बात को गंभीरता से लेते हैं और गंभीर मामलों को मजाक में उड़ा देते हैं।

भोपाल में वेद मर्मज्ञ एवं प्रखर आध्यात्मिक गुरू स्वामी सुखबोधानन्द ने कहा है कि खुशी के लिये काम करने से खुशी नहीं मिलेगी, बल्कि खुश होकर काम करने से खुशी मिलेगी। यंत्रवत जीवन और प्रतिक्रिया करने की प्रवृत्ति से मुक्ति पाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि परेशानियों और समस्याओं को सकारात्मक दृष्टि से देखने पर वे भी गुरू बन जाती हैं। स्वामी सुखबोधानन्द ने आज यहां प्रशासन अकादमी में आनन्द विभाग के अंतर्गत राज्य आनन्द संस्थान द्वारा आयोजित 'आनन्द व्याख्यान' में यह विचार व्यक्त किये।

मन की भीतर की स्थिति है आनन्द

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि सकारात्मक विचार ही सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार का दर्शन आनन्द को प्राप्त करने का मार्ग बताता है। साम्यवाद और पूंजीवाद ने भी आनन्द प्राप्ति का रास्ता दिखाया था, लेकिन कालांतर में सही साबित नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि आनन्द और सुख में भेद नहीं समझने के कारण ऐसा होता है। उन्होंने कहा कि आनन्द मन की भीतर की स्थिति है, जबकि सुख बाहरी परिस्थितियों से निर्मित होता है। श्री चौहान ने कहा कि केवल अधोसंरचनाएं खड़ी करने से आनन्द नहीं मिलता। अर्थपूर्ण जीवन जीना महत्वपूर्ण है। समृद्ध लोग भी दुखी रहते हैं और अभाव में रहने वाले भी खुश रहते हैं। इसलिये मनोदशा को सकारात्मक बनाने की कला सीखना होगा।

प्रत्येक क्षण में है आनन्द

स्वामी सुखबोधानंद ने आनन्द की चारित्रिक विशेषताओं और जीवन में उसकी उपस्थिति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आनन्द को भविष्य में देखने की प्रवृत्ति और आदत बना लेने से निराशा और दुख ही हाथ आयेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान ही सब कुछ है, इसलिए आनन्द भी वर्तमान में ही उपस्थित है। यह मन के भीतर है। उन्होंने कहा कि जब सब दरवाजे बंद हो जाते हैं, तब ईश्वर नया द्वार खोल देता है। इसलिए प्रत्येक क्षण में आनन्द है। प्रत्येक पल में जीवन है। प्रत्येक पल ऊर्जावान है।

वर्तमान में भूतकाल का हस्तक्षेप नहीं होने दें

स्वामीजी ने कहा कि राग और द्वेष का रूपांतरण प्रेम में करने के लिए भक्ति की जरूरत पड़ती है। इसलिए भक्ति प्रमुख तत्व है। स्वामी ने कहा कि भविष्य माया है। सिर्फ वर्तमान ही सच है और वर्तमान में ही आनन्द व्याप्त है। उसकी अनुभूति करने की आवश्यकता है। आश्चर्य तत्व की प्रधानता होना चाहिए। उन्होने कहा कि वर्तमान में भूतकाल का हस्तक्षेप नहीं होने दें, इसके प्रति भी सचेत रहें। आनंद का दूसरा स्वरूप ऊर्जा है।

आनन्द विभाग के मंत्री श्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान निरंतर नवाचार करने वाले मुख्यमंत्री हैं। आनन्द विभाग की स्थापना इसका उदाहरण है। उन्होंने बताया कि बहुत कम समय में आनन्द विभाग की गतिविधियों का प्रदेशव्यापी विस्तार हुआ है। पूरे देश में इसकी सराहना हो रही है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द विभाग श्री इकबाल सिंह बैंस और आनन्द क्लबों के सदस्य उपस्थित थे।

 

Kolar News 3 May 2018

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