कोलार पाईप लाइन पर होती हैं पार्किंग
वाहनों के दवाब से फट सकती हैं पाईप लाइनशैफाली गुप्ता कोलार पाईप लाइन पर दिन पर दिन अतिक्रमण बढ़ता जा रहा हैं | नगर निगम की लापरवाही के कारण नगर पालिका कोलार क्षेत्र में बड़ा हादसा हो सकता हैं | कोलार पाईप लाइन पर कई दुकानों और गुमटियों ने कब्ज़ा कर रखा हैं वही दूसरी ओर बड़े शोपिंग काम्प्लेक्स ने बेसमेंट तक में दुकाने बना डाली हैं और कही भी पार्किंग व्यवस्था नहीं की हैं जिस कारण लोग अपने वाहनों की पार्किंग भी कोलार की पाईप लाइन पर करते हैं | यही वजह हैं की पाईप लाइन पर दवाब बढ़ता जा रहा हैं और किसी भी दिन हादसे का रूप ले सकता हैं | कोलार डैम से बिरला मंदिर तक यह पाईप लाइन जाती हैं इससे करीब ३४ एम् सी डी पानी की सप्लाई होती हैं | इस पाईप लाइन की मरम्मत भी साल में लगभग तीन बार ही हुई हैं जबकि इसका निर्माण लगभग २०-२१ साल पुराना हैं | हलाकि पाईप लाइन पर अतिक्रमण करने वालों को एक बार नोटिस दिया जा चूका हैं लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई हैं | पहले भी कई बार अतिक्रमण हटाने की मुहीम चलाई जा चुकी हैं लेकिन फिर कुछ समय बाद वाही हाल हो जाता हैं ऐसे में किसी ठोस नियम की जरुरत हैं | अन्यथा कभी ऐसा वक्त भी आ सकता हैं की पाईप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी के लिए भी तरसना पड़ सकता हैं | ऐसे ही उप नगर कोलार में नियमों की धज्जियाँ उड़ाकर शोपिंग काम्प्लेक्स और मिनी मौल बन रहे हैं | इनके संचालकों ने बेसमेंट में पार्किंग की जगह देने की जगह दुकाने बना डाली हैं | जानकारी मिलने के बाद नगर पालिका ने इन सभी संचालकों को कारण बताओं नोटिस तो दिया हैं मगर कार्यवाही कितनी और कब होगी इसका कह पाना अभी मुश्किल हैं | हलाकि जब सीएमओ विक्रम सिंह से पुचा गया तो उन्होंने साफ़ कहा की "स्थाई करमचारियों की कमी होने के कारण नक़्शे अनुरूप निर्माण का परिक्षण समय पर नहीं किया जा सका हैं | अभी नोटिस जारी किया जा चूका हैं | अब जो निर्माण नियमानुसार नहीं होंगे उन पर अवैध निर्माण की कार्यवाही की जायगी | जिन शापिंग काम्प्लेक्स में बेसमेंट में दुकाने बनाई गयी हैं , उनकी दुकाने तोड़ी जा सकती हैं |" अब इनका क्या होगा और कितनी कार्यवाही हो सकती हैं इसका कुछ अंदाजा इन नियमों से भी लगाया जा सकता हैं | (१)(मप्र भूमि विकास नियम १९८४ के अनुसार तलघर का उपयोग आवासीय प्रयोजनों के लिए नहीं होगा |) (२)(यदि कोई भवन निर्माता आवासीय और व्यवसायिक परिसर का निर्माण करता हैं, तो उसे क्षेत्रफल के आधार पर पार्किंग देना आवश्यक हैं |)(३)(छोटे व्यवसायिक भवनों में भवन निर्माता की ओर से बेसमेंट का उपयोग पार्किंग के रूप में नहीं किया जाये और नक़्शे में नहीं दर्शाया जाये तो वह इसके लिए बाध्य नहीं हैं |) (कोलार न्यूज डॉट नेट)