सवाल किसी की मेहनत का था- तो किसी की साख दांव पर लगी थी
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जनता को राहत या राजनीति , विधायक और पार्षद की राजनीति में उलझ कर रह गई सड़क
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कोलार में भूमि पूजन में दो नेताओं के बीच चूहे बिल्ली का खेल देखने को मिला
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शैफाली गुप्ता
प्रियंका नगर की लगभग 360 मीटर की सीमेंट कंक्रीट की सड़क जिसका भूमि पूजन विधायक के द्वारा होना तय हुआ मगर विधायक रामेश्वर शर्मा पूजन कर पाते उससे पहले वार्ड के पार्षद मंजीत मारण ने भूमि पूजन कर दिया। ये बात और थी की पार्षद ने अचानक ये निर्णय लिया था इसलिए भीड़ नहीं जुटा पाये और एक कार्यकर्त्ता के साथ दो राहगीरों को खड़ा करके भूमि पूजन कर , फोटो भी अलग -अलग ग्रुप में और मीडिया को भेज दिए। इसके बाद विधायक शर्मा का कार्यक्रम भी यथावत रहा और अपने निर्धारित समय पर पहुंच कर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी दोबारा उसी सड़क का भूमि पूजन किया । इस सड़क का पिछले साल भी भूमि पूजन हो चुका है। कुल मिला के एक अदनी सी सड़क बन तो नहीं पाई उसका भूमि पूजन जरूर तीन बार हो गया।
कोलार पर सड़क की राजनीति कोई नहीं बात नहीं है। भूमि पूजन की राजनीति में रोचक प्रसंग उस वक्त आया जब पार्षद मंजीत यहाँ भी नहीं चूके और विधायक शर्मा को सबके सामने जनता की समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन भी सौंप दिया और समस्यों के निराकरण को लेकर 25 लाख रूपये विधायक निधि की मांग भी कर डाली ।
प्रियंका नगर में सीमेंट कंक्रीट की सड़क 2015 में स्वीकृत हुई। इस काम की लगत राशि 12 लाख 24 हजार 28 रुपए 26 पैसे हैं । वैसे तो यह सड़क 2015 में बन जानी चाहिए थी मगर यहाँ भी जनता के हित की न सोच कर राजनीती आगे रही। मंजीत का कहना था की स्वीकृति मिलने के बाद अप्रैल 2015 में ही उनके द्वारा भूमि पूजन किया जा चुका था । मगर काम शुरू नहीं हो पाया इसकी वजह उन्होंने विधायक को ही बताया। पहले भी विधायक से भूमि पूजन नहीं कराया था इसलिए नाराज होकर विधायक शर्मा ने काम नहीं शुरू होने दिया था और फाइल भी रुकवा दी थी । लगभर दो महीने पहले भी मंजीत ने परिषद की बैठक में इस सस्मस्या को रखा था और आसंदी के सामनी लेटकर विरोध जाहिर किया था और आश्वासन मिलने पर ही आसंदी के सामने से उठने की बात कही थी । उस वक्त महापौर के आश्वासन के बाद ही यह काम आगे बढ़ा । ऐसे में पार्षद मंजीत का कहना हैं की मेहनत मेरी हैं और श्रेय विधायक लेना चाहते हैं ।
यहाँ सवाल वही के वही हैं कि कब कोलार से ये छोटी राजनीति ख़त्म होगी और कब कोलार का सही मायने में विकास होगा । कब सभी नेता अपना - अपना स्वार्थ छोड़कर एक जुट होकर सिर्फ कोलार के विकास की बात करेंगे और उसके भागीदार बनेंगे।
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