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मप्र में पीपीपी मॉडल पर खुलेंगे मेडिकल कॉलेज कैबिनेट ने दी मंजूरी
bhopal, Medical colleges , cabinet
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने के प्रस्ताव को मंजूर दी। इसके साथ ही गौशालाओं को प्रति गाय प्रतिदिन दिए जाने वाला सहायता अनुदान 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये करने का निर्णय लिया गया। डॉ. भीमराव अंबेडकर पशुपालन योजना लागू की जाएगी। इसमें 25 गाय या भैंस रखकर दुग्ध उत्पादन का काम करने वालों को अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा अनुसूचित जाति जनजाति के हितग्राहियों को 33 फीसदी और अनारक्षित वर्ग के हितग्राहियों को 25% अनुदान मिलेगा। बैठक में केन बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत सहायक परियोजना को भी मंजूरी दी गई। इससे 60 हजार हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता का विकास होगा।


उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मंत्रि-परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। सरकार इनके लिए एक रुपये भू-भाटक पर 25 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएगी। फिलहाल निजी मेडिकल कॉलेज के लिए निवेशक को खुद जमीन अरेंज करनी पड़ती है। इसके लिए टेंडर डॉक्यूमेंट नियम में संशोधन किया गया था। उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों को प्राइवेट डेवलपर को ट्रांसफर करने का पुरानी सरकार का फैसला पलटा है। पहले इसमें डेवलपर को अस्पताल सौंपने का प्रावधान किया गया था। अब जिला अस्पतालों पर सरकार का ही नियंत्रण रहेगा। अब निजी मेडिकल कालेजों को डेवलपर से संबद्ध किया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी बनेगी, जिसमें जिला अस्पताल के प्रतिनिधि भी होंगे। इन अस्पतालों में 75 प्रतिशत तक नि:शुल्क इलाज की सुविधा आयुष्मान कार्डधारकों को मिलेगी।


उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने बताया कि बैठक में पशुपालन विभाग के माध्यम से गौशालाओं के निर्माण के साथ आहार अनुदान 40 रुपये करने का फैसला किया गया है। पहले यह 20 रुपये था। गौवंश विहार के लिए पीपीपी मोड पर निवेशकों को आमंत्रित करने नई पॉलिसी को मंजूरी दी गई है। वहीं, पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने कहा कि पांच हजार गौवंश रखने के लिए पीपीपी मॉडल तैयार कर रहे हैं, जिसके लिए बिडिंग होगी। इसमें निवेशक सीएनजी, सोलर और अन्य उत्पादन भी कर सकेंगे। निवेशक से पूछेंगे कि वह कितने दिन तक योजना का लाभ लेंगे? इससे निराश्रित गौवंश को पालने में मदद मिलेगी। इसी साल इस पर काम शुरू करेंगे।


उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने बताया कि मंत्रि-परिषद द्वारा पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी परियोजना से 60 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसके लिए 2932 करोड़ रुपए मंजूर किए गए। मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ में सूक्ष्म सिंचाई योजना को मंजूरी दी गई है। लोक वित्त से वित्त पोषित कार्यक्रम के अंतर्गत परियोजनाओं के परीक्षण को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए एजुसेट इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू करने का फैसला लिया गया है। बिजली कंपनियों में कैश फ्लो बना रहे, इसके लिए सरकार गारंटी देती है। वर्ष 2024-25 से 2028-29 हर साल 12466 करोड़ रुपये की गारंटी मंजूर की गई है। इसके बदले सरकार 0.5% ब्याज पर गारंटी देगी।

 

Kolar News 8 April 2025

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