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उद्योगों को प्रोत्साहन देने वाला प्रथम राज्य है मध्य प्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
bhopal, Madhya Pradesh, Dr. Yadav

भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश उद्योग क्षेत्र को प्रोत्साहन देने वाला ऐसा राज्य है जहां औद्योगिक इकाइयों को राशि के भुगतान का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। ऐसा कोई भी भुगतान लंबित नहीं है जो औद्योगिक इकाइयों को देय था। ऐसा कार्य करने वाला मध्य प्रदेश प्रथम राज्य है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के पहले मंत्रिगण को दिए संबोधन में राज्य शासन की प्राथमिकताओं और गतिविधियों से अवगत करवाया।

औद्योगिक इकाइयों को राशि का भुगतान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश ऐसा एकमात्र राज्य है जहां वृहद और लघु सूक्ष्म, मध्यम उद्योगों के समस्त देयकों का भुगतान पूर्ण हो चुका है। राज्य शासन औद्योगिकीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। वृहद औद्योगिक इकाइयों को वर्ष 2024-25 में कुल 3100 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया। औद्योगिक विभाग के अंतर्गत वृहद औद्योगिक इकाइयों को आज 702 करोड़ रुपये के इन्सेन्टिव का भुगतान करने का कार्य किया गया। एमएसएमई विभाग के अंतर्गत औद्योगिक इकाइयों को 1075 करोड़ रुपये के लम्बित इन्सेन्टिव का भुगतान किया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में एमएसएमई इकाइयों को कुल 2162 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इसी तरह आज राज्य सरकार डीबीटी के माध्यम से एमएसएमई और वृहद इकाइयों के लिए 1777 करोड़ रुपये की देय इन्सेन्टिव राशि का भुगतान कर रही है। इससे 2500 से अधिक औद्योगिक इकाइयां लाभान्वित होंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस सफलता के लिए मंत्री परिषद सदस्यों को बधाई भी दी।

विक्रम संवत-2082
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सर्वप्रथम सभी मंत्रियों को भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत-2082 प्रारंभ होने की बधाई और मंगलकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय सनातन परंपरा का अपना महत्व है। प्रदेश में गुड़ी पड़वा पर्व का ऐतिहासिक आयोजन किया गया। इस आयोजन का वेबकास्ट भी किया गया। यह सौभाग्य की बात है कि सम्राट विक्रमादित्य मध्यप्रदेश से हैं। विक्रम संवत शुभारंभ पर महत्वपूर्ण प्रकल्प प्रदेश में प्रारंभ हुए हैं।

स्कूल चलें हम अभियान
इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 'स्कूल चलें हम' अभियान के अंतर्गत एक अप्रैल से प्रवेशोत्सव प्रारंभ हुआ है। इस अभियान के तहत चार दिवसीय विशेष गतिविधियां हो रही हैं। मंत्रीगण अपने प्रभार के जिले में एक से चार अप्रैल तक प्रवेश उत्सव को सफल बनाने का प्रयास करें। राज्य में लगभग 85 लाख विद्यार्थियों को सत्र के प्रारंभ में ही पाठ्य पुस्तकें प्रदान करने का निर्णय लिया गया। प्रवेशोत्सव में इसी माह स्कूल की किताबें बांटी जानी हैं। इसके साथ ही सांस्कृतिक गतिविधियां, खेलकूद और विशेष भोज के आयोजन करना भी नियत किया गया है। कैलेंडर तैयार कर गतिविधियों का क्रियान्वयन का कार्य किया जा रहा है।

सीएम राइज विद्यालयों का नाम अब सांदीपनि विद्यालय
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रिमंडल के सदस्यों को अवगत करवाया कि प्रदेश में निर्मित एवं निर्माणाधीन समस्त सीएम राइज विद्यालयों का नाम अब सांदीपनि विद्यालय होगा।

इंदौर में आईटी एंक्लेव 27 अप्रैल को
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जानकारी दी कि आगामी 27 अप्रैल को इंदौर में आईटी कॉन्क्लेव का आयोजन होगा। सूचना प्रौद्योगिकी की दृष्टि से मध्यप्रदेश में इंदौर संभावना से भरा क्षेत्र है। यहां देश-विदेश की लगभग 200 कंपनियों की भागीदारी रहेगी।

उद्योगों में कार्यरत बहनों को रहवास सुविधा के लिए 284 करोड़
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि केंद्र सरकार ने विशेष केंद्रीय सहायता से प्रदेश की औद्योगिक कामकाजी बहनों की रहवास सुविधा के लिए 284 करोड़ रुपए की राशि 5120 महिलाओं के लिए हॉस्टल की सुविधा के लिए स्वीकृत की गई है। ये हॉस्टल पीथमपुर, मंडीदीप, मालनपुर, विक्रम उद्योगपुरी, झाबुआ, सिंगरौली, देवास और नर्मदापुरम् में स्वीकृत किए गए हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में इस महती योजना के स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मध्यप्रदेश सरकार आभार व्यक्त करती है।

जल गंगा संवर्धन अभियान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि 30 मार्च से यह अभियान प्रारंभ किया है। अभियान आगामी 30 जून तक चलना है। प्रदेश में 90 दिन से अधिक चलने वाले इस अभियान के निश्चित ही अच्छे परिणाम आएंगे। ऐसा विश्वास है कि इस अभियान को सरकार और समाज द्वारा संयुक्त रूप से क्रियान्वित कर सफल बनाया जाएगा।

गेहूं उपार्जन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 2600 रुपये प्रति क्विंटल की जा रही है। जिले के प्रभारी मंत्री और जनप्रतिनिधि तोल कांटे आदि व्यवस्थाओं का अवलोकन कर इस कार्य के सुचारू संचालन में सहयोग करें। प्रदेश में 14.76 लाख किसानों द्वारा पंजीयन करवाया गया है। अब तक 8 लाख मैट्रिक टन गेंहूँ का उपार्जन लगभग 1 लाख किसानों से किया जा चुका है। इस माह अर्थात अप्रैल में उपार्जन कार्य में गति आएगी।

Kolar News 1 April 2025

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