Video

Advertisement


टीबी मुक्त भारत के लिए मध्य प्रदेश प्रतिबद्ध: उप मुख्यमंत्री शुक्ल
bhopal, Madhya Pradesh ,   Deputy CM Shukla

भोपाल । उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने निक्षय भारत अभियान के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्यकर्मियों, निक्षय मित्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की सराहना की है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य केवल शासकीय प्रयासों से ही संभव नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी से ही इसे साकार किया जा सकता है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि इस अभियान में सहयोग दें और टीबी मुक्त मध्यप्रदेश बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने साेमवार काे विश्व टीबी दिवस पर स्वास्थ्यकर्मियों, निक्षय मित्रों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि सबकी मेहनत और सेवा भाव के कारण ही मध्यप्रदेश क्षयरोग उन्मूलन की दिशा में इतनी तेज गति से आगे बढ़ा है। निक्षय मित्रों ने अपने स्तर पर आर्थिक और पोषण सहायता प्रदान कर मरीजों को नया जीवन दिया है, जो एक अनुकरणीय उदाहरण है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समाज के हर वर्ग की भागीदारी से हम टीबी मुक्त भारत का सपना साकार करेंगे।

100 दिवसीय विशेष निक्षय शिविर अभियान के तहत मध्यप्रदेश में 7 दिसंबर 2024 से 23 जिलों में गहन टीबी खोज और उपचार अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य उच्च टीबी बोझ वाले जिलों में टीबी रोगियों की शीघ्र पहचान, मृत्यु दर में कमी और नए मामलों को रोकना है। इस अभियान के तहत 78 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें 21,430 नए टीबी मरीज चिन्हित (नोटिफाई) किए गए और उनका तुरंत उपचार शुरू कराया गया। DBT के माध्यम से आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई। इस दौरान 19000 से अधिक निक्षय मित्रों ने 25,000 से अधिक टीबी मरीजों को पोषण सहायता प्रदान की और 4 लाख से अधिक नागरिकों ने टीबी मुक्त भारत के संकल्प की शपथ ली। प्रदेश में सामुदायिक सहभागिता के अंतर्गत 5000 से अधिक ग्राम पंचायतों को क्षयरोग मुक्त घोषित किया जा चुका है।

मध्यप्रदेश ने क्षयरोग (टीबी) उन्मूलन के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त किया है। वर्ष 2020 में संभावित क्षयरोगी दर 532 प्रति लाख थी, जो 2024 में बढ़कर 3031 प्रति लाख हो गई, जो रोगियों की शीघ्र पहचान और बेहतर निगरानी का प्रमाण है। वर्ष 2024 में 1,90,000 क्षय रोगियों को खोजने के लक्ष्य के विरुद्ध 1,81,085 (95%) रोगियों की पहचान की गई। प्रदेश में टीबी उपचार की सफलता दर 87% है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन को दर्शाती है। 1 नवंबर 2024 से सभी अधिसूचित टीबी मरीजों को उपचार के दौरान 1000 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जा रही है, जो पहले 500 रुपये प्रतिमाह थी। इसके अलावा, अधिसूचित जनजातीय क्षेत्रों में सभी खोजे गए टीबी रोगियों को 750 रूपये की एकमुश्त राशि भी प्रदान की जा रही है। प्रदेश की सभी जेलों में भी समय-समय पर आईसीएमआर की हैंड-हेल्ड एक्स-रे मशीनों के माध्यम से टीबी स्क्रीनिंग अभियान चलाया जा रहा है। बलगम के नमूने लेकर उन्हें सीबीनेट और टूनेट मशीनों द्वारा जांच की जाती है, जिससे जेलों में क्षयरोग के मामलों की शीघ्र पहचान हो रही है।

 

Kolar News 24 March 2025

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.