भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन सोमवार को राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सदन में सवाल उठाए। कांग्रेस विधायकों ने प्रदेश के मऊगंज में पुलिसकर्मी की हत्या, मंडला में नक्सल विरोधी अभियान में आदिवासी की मौत और इंदौर में पुलिस तथा वकीलों के बीच हुए विवाद को लेकर राज्य की मोहन यादव सरकार पर जमकर निशाना साधा।
दरअसल, मऊगंज में शनिवार कोआदिवासियों के एक समूह ने कथित तौर पर सनी द्विवेदी नाम के एक व्यक्ति का अपहरण और हत्या कर दी थी और फिर उसे बचाने की कोशिश कर रही पुलिस टीम पर हमला किया था। इसमें सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) रामचरण गौतम की मौत हो गई। वहीं, मंडला जिले में पिछले सप्ताह की शुरुआत में बैगा आदिवासी समुदाय के हिरण सिंह परते (38) नाम के एक व्यक्ति की नक्सल विरोधी अभियान में मौत हो गई थी। पुलिस ने बाद में कहा कि परते जंगल के अंदर नक्सलियों के साथ था। इसी तरह इंदौर में शनिवार को कुछ वकीलों और पुलिस के बीच एक विरोध प्रदर्शन के दौरान झड़प हुई थी।
इन तीन घटनाओं को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश की कानून व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए। सोमवार को विधानसभा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मऊगंज में एएसआई की हत्या और इंदौर में वकील-पुलिस झड़प पर कहा कि मध्य प्रदेश कानून अव्यवस्था की राजधानी बन चुका है। भ्रष्टाचार की राजधानी बन चुका है। पूरा देश मध्य प्रदेश की ओर देख रहा है।
वहीं, विधानसभा में विपक्ष के उपनेता हेमंत कटारे ने कहा कि लोगों की रक्षा के लिए जिम्मेदार पुलिस पर हमला हो रहा है। पुलिस पर न केवल हमला किया गया, बल्कि एक पुलिसकर्मी की हत्या भी कर दी गई। ऐसी स्थिति में यह स्वाभाविक है कि राज्य के गृह मंत्री ने लोगों का विश्वास खो दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव गृह मंत्रालय किसी दूसरे मंत्री को सौंपने को तैयार नहीं हैं और इसे अपने पास रखना चाहते हैं। कटारे ने दावा किया कि वे स्थिति को सुधारने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
इस पर राज्य के कैबिनेट मंत्री लखन पटेल ने कहा कि क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि यह घटना दुखद है, लेकिन क्षेत्र में कोई तनाव नहीं है। एक युवक और एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई। पुलिस ने कार्रवाई की है और एक महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। अन्य लोगों की तलाश जारी है और उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कांग्रेस के आरोपों पर पटेल ने कहा कि विरोध करना कांग्रेस का काम है,इसलिए उसके नेता आरोप लगाने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि मऊगंज में दो समूहों के बीच पुराना विवाद था,लेकिन शनिवार की घटना अप्रत्याशित थी क्योंकि वे सौहार्दपूर्ण ढंग से रह रहे थे।
मऊगंज मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए स्थानीय विधायक प्रदीप पटेल ने कहा कि सभी वरिष्ठ अधिकारी और प्रभारी मंत्री वहां का दौरा कर चुके हैं। अब जांच में जो बातें सामने आएंगी, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि घटना वाले दिन हम बाहर थे। बहुत दुखद घटना है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
वहीं, कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने मंडला में नक्सली मुठभेड़ का मामला सदन में उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमारे आदिवासी भाई आज असुरक्षित हैं। राज्यपाल और राष्ट्रपति दोनों हमारे ही वर्ग से आते हैं। मैं राष्ट्रपति महोदया से मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह करता हूं। सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायकों ने मंडला में नक्सली एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए जांच की मांग की और दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी के बाद उन्होंने सदन से वॉकआउट कर दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार मंडला एनकाउंटर की जांच नहीं करा रही है। विधानसभा में अध्यक्ष ने भी हमारी मांग को अस्वीकार कर दिया। भाजपा सरकार के इस तानाशाही रवैये के विरोध में हमने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया है। इस मामले में भाजपा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे ने कहा कि इसमें ध्यानाकर्षण लगा हुआ है। सरकार ने प्रतिवेदन मांगा है। स्पीकर ने साफ तौर पर कहा है कि प्रतिवेदन आ जाएगा तो इस पर चर्चा कराएंगे। आज शाम तक वहां से जानकारी आ जाएगी। इसके बाद सरकार जवाब देगी। कांग्रेस मीडिया में छाने के लिए जबरदस्ती नाटक कर रही है।