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परीक्षा या घरेलू तनाव की स्थिति में स्कूली बच्चे डायल-100 से मदद मांग सकेंगे। परिवार परामर्श केंद्र के काउंसलर ऐसे बच्चों की काउंसलिंग करेंगे और उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने से रोकेंगे। बच्चों में आत्महत्या की प्रवृत्ति रोकने के लिए शासन स्तर पर किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा के लिए बुधवार को मंत्रालय में बैठक हुई, जिसमें ये निर्णय लिया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुकर्जी की अध्यक्षता में हुई बैठक में बच्चों की काउंसलिंग का काम बेंगलुरु के स्वयं सेवी संगठन 'योर दोस्त' को देने पर भी चर्चा हुई। इसके बाद डायल-100 से काउंसलिंग कराने का निर्णय लिया गया। बैठक में ये भी बात आई कि परामर्श केंद्र के काउंसलर महिलाओं के मामले में ट्रेंड हैं, वे बच्चों के मामले कैसे सुलझाएंगे। अफसरों ने कहा कि काउंसलरों से पहले बात कर ली जाए, जो इसमें रुचि रखता हो, उसे ये जिम्मेदारी सौंपी जाए। उल्लेखनीय है कि विधानसभा की समिति ने बच्चों में आत्महत्या की प्रवृत्ति रोकने के लिए सुझाव दिए थे। संबंधित विभाग उन्हीं पर काम कर रहे हैं।
ऐसे होगी मददः बच्चा तनाव में डायल-100 पर फोन लगाएगा। मामले को समझते हुए कॉल काउंसलर को ट्रांसफर किया जाएगा। यदि ये मुनासिब नहीं हुआ तो डायल-100 बच्चे तक पहुंचने का प्रयास करेगी। इस मामले में मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की हेल्पलाइन के काउंसलर भी बच्चों की काउंसलिंग करेंगे।
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