नन्हें चीतों की किलकारियों से फिर गूँजा कूनो : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में मंगलवार को दो चीता शावकों के आगमन पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की धरती पर चीता शावकों का स्वागत है। मुझे यह जानकारी साझा करते हुए काफी खुशी हो रही है कि कूनो में फिर चीता शावकों की किलकारियाँ गूँजी हैं और मध्य प्रदेश की धरती पर चीतों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता वीरा ने दो नन्हें शावकों को जन्म दिया है। अब कूनो नेशनल पार्क में 14 शावक और 12 वयस्क चीतों के साथ कुल संख्या 26 हो गयी है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर दोनों शावकों की तस्वीर शेयर की है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की जंगल बुक में 2 और चीता शावकों की वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अथक परिश्रम के परिणामस्वरूप आज मध्य प्रदेश को “चीतों की धरती’’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि चीतों का कुनबा निरंतर बढ़ने से प्रदेश के पर्यटन को नई उड़ान मिल रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इससे रोजगार के नये द्वार खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम चीतों के साथ ही सभी वन्य-जीवों के संरक्षण, संवर्धन और पुनर्स्थापना के लिये हमेशा तैयार हैं।
कूनो में 2 नये चीता शावकों का स्वागत : केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र सिंह
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कूनो में चीतों के आगमन को लेकर कहा कि बसंत ऋतु की शुरूआत के साथ कूनो की हवा में अंतहीन खुशी और उत्साह भर गया है। उन्होंने कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 2 नये चीता शावकों के आगमन पर स्वागत किया।
कूनो में चीता शावकों के जन्म पर प्रदेशवासियों को बधाई : वन राज्य मंत्री अहिरवार
प्रदेश के वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने कूनो में चीता शावकों के जन्म पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता शावकों के जन्म की खबर सुनकर अत्यंत हर्ष हुआ। अहिरवार ने कहा कि वन विभाग और कूनो राष्ट्रीय उद्यान के स्टॉफ को इस उपलब्धि के लिये बधाई देता हूँ। उन्होंने कहा कि यह मील का पत्थर है, जो वन्य-जीव संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देता है। राज्य मंत्री अहिरवार ने कहा कि यह प्रजाति हमारे देश में फिर से पनपेगी और वन्य-जीव विविधता को मजबूत बनायेगी।