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रचना नगर अंडर ब्रिज सड़क। चार महीने में चार बार 40 से ज्यादा गड्ढों में पेंचवर्क के नाम पर ईंट,पत्थर आदि का मलबा डाला। दो-चार दिन में ही फिर से गड्ढे। एक-डेढ़ लाख रुपए भी खर्च हो गए। यही हाल ही शहर की दूसरी सड़कों को भी। नगर निगम और सीपीए ने इसी में चार से पांच करोड़ रुपए खर्च कर दिए। अब 15 अक्टूबर के बाद इन सड़कों पर डामर से पेंचवर्क के लिए फिर से टेंडर निकलेंगे। यानी तीन लाख रुपए और खर्च करेंगे। इस राशि की बचत भी हो सकती थी यदि कोलार रोड पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दौर से पहले नई तकनीक से किए गया पेंचवर्क सभी जगह होता।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह तीस प्रतिशत महंगी जरूर है लेकिन बार-बार मलबा भरने और फिर बाद में डामरीकरण करने की कुल लागत से सस्ती है। इससे लोगों को भी एक ही बार में गड्ढे से निजात मिल सकती है। कोलार रोड में पहले अफसरों ने मलबा डाला और फिर विधायक रामेश्वर शर्मा ने पेविंग ब्लॉक डलवा दिए। इतने खर्च के बाद सीएम के यहां आने का ऐलान हुआ तो पिछले एक हफ्ते से कोल्ड मिक्स वाला डामरीकरण किया जा रहा है। करीब पौने तीन लाख रुपए इसकी लागत है। यदि पीडब्ल्यूडी पहले ही यह काम कर देता तो मलबा डालने में लगे 50 हजार रुपए भी बच जाते और लोगों को गड्ढों से भी निजात मिल जाती।
यह है तकनीक - कोलार रोड के गड्ढों की मरम्मत कोल्ड मिक्स और कैटानिक इमर्शन के साथ की गई है। यह रेडीमेड मटेरियल होता है। यह बारिश में नमी के दौरान भी सड़क पर टिक जाता है। साथ ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इससे सड़क की उम्र बढ़ जाती है। सड़क की उधड़ी हुई सतह पर यह बेहतर ढंग से पकड़ बनाता है। इसका उपयोग पूरी सड़क बनाने में नहीं बल्कि उसकी मरम्मत करने में किया जाता है।
जिस रोड से मुख्यमंत्री को आना था वह तो आनन-फानन में बनाकर तैयार दी गई लेकिन बाकी सड़कों पर किसी का ध्यान नहीं है। अगर कोलार रोड पर भी मुख्यमंत्री के आने का कार्यक्रम नहीं होता तो बहुत संभव था कि इस सड़क को भी नहीं सुधारा जाता। लोग रोजाना घंटों जाम से जूझते हुए आते-जाते। शहर में कोहेफिजा, रचना नगर अंडर ब्रिज से सुभाष नगर की ओर जाने वाली रोड, वीआईपी गेस्ट हाउस से ईदगाह पहुंच मार्ग, बावड़िया रोड सहित कई अन्य सड़कें बहुत खराब स्थिति में है। लोग यह सवाल उठा रहे हैें कि जब कोलार रोड पर कोल्ड मिक्स डालकर काम किया जा सकता है तो बाकी सड़कों पर ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा।
एसोसिएशन ऑफ सिविल इंजीनियर्स के अध्यक्ष अब्दुल मजीद का कहना है -सड़क की मरम्मत के लिए कोल्ड मिक्स एक अच्छी तकनीक है। इस मौसम में डामर नहीं टिक पाता है क्योंकि कई बार बारिश हो जाती है। इस कारण कोल्ड मिक्स किया जाता है। इसमें कोई बुराई नहीं है। इससे भी सड़क काफी समय तक चल जाती है। हॉट मिक्स से यह थोड़ा महंगा जरूर होता है पर अगर इस मौसम में सड़क की मरम्मत करना है तो कोल्ड मिक्स का ही उपयोग किया जाना चाहिए।
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