Video

Advertisement


आधे अधूरे प्लान का मुख्यमंत्री से करवाया भूमिपूजन
kolar shivraj singh

कोलार की डेढ़ लाख की आबादी को सीवेज नेटवर्क का आधा-अधूरा ही फायदा मिलेगा। 115 करोड़ रुपए की योजना सिर्फ नगर निगम के क्षेत्र तक सीमित है। 50 से ज्यादा निजी कॉलोनियों में सीवेज नेटवर्क का प्रावधान नहीं रखा गया है। यही नहीं भविष्य में निजी कॉलोनी को जोड़ने के लिए भी शुल्क और नियम भी नहीं बनाए हैं। यानी इसकी हालात भी 415 करोड़ रुपए की वाटर सप्लाई योजना जैसी हो सकती है, जिसमें होशंगाबाद रोड, अवधपुरी व अयोध्या बायपास आदि इलाकों की निजी कॉलोनियों को नर्मदा का पानी नहीं मिल पाया।

सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन अधूरी योजना का भूमिपूजन किया , वह भी तब जबकि इसके टेंडर तक नहीं हो पाए हैं।

आम्र विहार, आम्र स्टेट, बीमाकुंज, सिग्नेचर, सागर प्रीमियम जैसी अन्य निजी कॉलोनियों के भीतर सीवेज लाइन नहीं बिछाई जाएगी। यहां मेन लाइन से सीवेज कनेक्शन के लिए बाद मे नीति बनाई जाएगी। वहीं राजहर्ष ए,बी, सी,डी सेक्टर सहित, बंजारी, अकबरपुर, ललिता नगर, सलैया जैसी कई कॉलोनियों के भीतर भी सीवेज लाइन बिछाई जाएगी। फिलहाल सीवेज लाइन का कनेक्शन देने के लिए शुल्क तय नहीं है।

कोलार में सीवेज उपचार संयंत्र(एसबीआर) आधुनिक तकनीक से सीवेज नेटवर्क बिछेगा। परियोजना पांच जोनों में बांटी गई है। कुल पांच सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेंगे। जो 29 एमएलडी क्षमता के होंगे। सर्वधर्म दामखेड़ा कलियासोत नदी किनारे, सनखेड़ी विश्राम घाट के पास, प्रियंका नगर, बैरागढ़ चीचली, हिनौतिया आलम में जगह तय की गई है। पांचों सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ढलान पर ही बनेंगे। जिससे घरों से पाइप लाइन व चेंबर द्वारा प्लांट तक सीवेज पहुंचेगा। फिर प्लांट पर सीवेज का ट्रीटमेंट होगा। आधुनिक तकनीक से पानी अलग निकाला जाएगा और वेस्टेज अलग। पानी का पार्कों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा व वेस्टेज से खाद्य बनाया जाएगा।

5 मार्च 2015 में में 52.10 करोड़ की केरवा पेयजल योजना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बंजारी दशहरा मैदान पर ही भूमिपूजन किया था। साथ ही एक साल में कोलार की जनता से केरवा का पानी देने का वादा किया था। लेकिन ढाई साल पानी नहीं मिला। करीब एक साल बाद तो योजना पर काम शुरू हुआ। उस कार्यक्रम में ही मुख्यमंत्री ने 80 करोड़ की लागत से सीवेज नेटवर्क बिछाना था। नगर निगम के बजट 2015-16 में कोलार सीवेज के लिए 80 करोड़ का प्रावधान भी किया गया था। जब ढाई साल में भूमिपूजन हुआ है तो काम कब तक पूरा होगा। इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

9 फरवरी 2017 को नगरीय प्रशसन विभाग की एसएलटी ने योजना को मंजूरी दे दी थी। कंसलटेंड फर्म वापकोस लिमिटेड ने इसकी लागत 15.91 करोड़ बताई। 21 अप्रैल 2017 को टेंडर बुलाए गए। 21 जुलाई को दो एजेंसी टेंडर में शामिल हुईं। 3 अगस्त को टेक्निकल और 5 को फायनेंशिायल ऑफर बुलाए। गए। मेहसाणा गुजरात की जंयती सुपर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने न्यूनतम निविदा 179.14 आंकी। इस प्रकार पूर्व में बताई गई 115.91 से 34.89 प्रतिशत ज्यादा निकली। इसके चलते टेंडर निरस्त कर दिया।

सीवेज उपचार संयंत्र(एसबीआर) तकनीक पर आधारित सीवरेज योजना

115.91 कुल लागत(केंद्र की अमृत परियोजना)

50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल

2 लाख 15 हजार से ज्यादा आबादी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई योजना।

05 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। सब को मिलकर 29 एमएलडी क्षमता रहेगी।

05 जोन में बांटी योजना।

05 कोलार के वार्ड की 100 से ज्यादा कॉलोनियों को होगा लाभ।

150 किलोमीटर की बिछाई जाएगी सीवेज लाइन(निजी कॉलोनियों की मेन लाइन से सीवरेज लाइन जोड़ी जाएगी)

टेंडर फिर से बुलाए गए हैं। एजेंसी मिलने के बाद काम शुरू कराया जाएगा। भविष्य में ढाई लाख आबादी को देखते हुए अमृत योजना में सीवेज नेटवर्क काम कराया जाएगा। निजी कॉलोनियों के लिए भी जल्द ही नीति बनाई जाएगी।

एआर पवार, प्रभारी इंजीनियर, अमृत परियोजना

 

Kolar News 18 September 2017

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.