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केंद्र में नरेंद्र मोदी कैबिनेट का तीसरा और संभवत: आखिरी विस्तार हो रहा है। सुबह 10.30 बजे राष्ट्रपति भवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। नौ मंत्रियों को सरकार में शामिल किए जाने की संभावना है। इसमें शिव प्रताप शुक्ला, अश्विनी कुमार चौबे, वीरेंद्र कुमार, अनंत कुमार हेगड़े, राजकुमार सिंह, हरदीप सिंह पुरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, सत्यपाल सिंह और अल्फोंस कन्ननथनम को सरकार में शामिल किया जा रहा है। माना जा रहा है कि तीन राज्य मंत्रियों का प्रमोशन किया जा सकता है। इनमें धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल का नाम शामिल है।
इससे पहले सहयोगी दलों की सरकार में भागीदारी को लेकर शनिवार शाम तक असमंजस बना रहा। जदयू और शिवसेना ने स्पष्ट कर दिया कि शनिवार शाम तक उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पटना में कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में मुझे मीडिया से ही जानकारी मिली है। इस पर औपचारिक रूप से मेरी किसी से बात नहीं हुई है। शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी कहा कि मैंने इसके बारे में किसी से कुछ नहीं पूछा है। न तो हमें किसी का संदेश मिला है और न ही हमें सत्ता की लालच है। पिछले विस्तार में भी शिवसेना ने कैबिनेट मंत्री का पद नहीं दिए जाने को लेकर विरोध जताया था। हालांकि, उनका एक कैबिनेट मंत्री पहले से सरकार में शामिल है। जदयू से भी आरसीपी सिंह और संतोष कुशवाहा को सरकार में शामिल किए जाने की चर्चा चल रही थी।
शुक्रवार की रात संघ प्रमुख मोहन भागवत से चर्चा के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को दिनभर वरिष्ठ पदाधिकारियों और कुछ मंत्रियों के साथ मशविरा किया। रात में उन्होंने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की। बताते हैं कि जिन्हें शामिल होना है, उन्हें शाम के बाद फोन जाने शुरू हुए।
नए मंत्रियों को सरकार में शामिल किए जाने के साथ ही तीन-चार मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं। शुक्रवार को भी केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी विचार-विमर्श में जुटे थे। शनिवार शाम गडकरी ने अलग से जाकर प्रधानमंत्री से मुलाकात की।
संभावित मंत्रियों की लिस्ट -
शिव प्रताप शुक्ल : उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य। आठ वर्षों तक राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं। आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में रहे।
अश्विनी कुमार चौबे : बिहार के बक्सर से लोकसभा सदस्य। राज्य सरकार में आठ वर्षों तक मंत्री रहे। जेपी आंदोलन से राजनीति की शुरुआत।
राजकुमार सिंह : 1975 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी। बिहार के आरा से लोकसभा में। केंद्रीय गृह सचिव और रक्षा उत्पादन सचिव रहे हैं।
वीरेंद्र कुमार : मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद। दलित नेता कुमार छह बार सांसद और कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे हैं।
अनंत कुमार हेगड़े : कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ से लोकसभा में। 28 साल की उम्र में पहली बार सांसद बनने के बाद यह पांचवीं पारी है।
हरदीप सिंह पुरी : 1974 बैच के आईएफएस अधिकारी। संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों में भारत के राजदूत रहे। हिंदू कॉलेज, दिल्ली में पढ़ाई के समय जेपी आंदोलन में सक्रिय रहे हैं।
गजेंद्र सिंह शेखावत : जोधपुर, राजस्थान से लोकसभा सदस्य। टेक्नो-सैवी और प्रगतिशील किसान माने जाते हैं। बास्केट बॉल के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे हैं।
सत्यपाल सिंह : उत्तर प्रदेश के बागपत से अजीत सिंह को हराकर सांसद बने। 1980 बैच के आईपीएस अधिकारी सिंह मुंबई, पुणे और नागपुर के पुलिस आयुक्त रह चुके हैं।
अल्फोंस कन्ननथनम : 1979 बैच के आईएएस अफसर और केरल के भाजपा नेता। 1989 में उनके डीएम रहते कोट्टायम सौ फीसद साक्षरता वाला देश का पहला शहर बना था।
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