राशन दुकानों को राज्य स्तर से सीधा आवंटन
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में व्यापक सुधार होगा मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अब उचित मूल्य की दुकानों को आयुक्त खाद्य कार्यालय से आवंटन मिलेगा। सिविल सप्लाई कार्पोरेशन द्वारा खाद्यान्न सीधे उचित मूल्य की दुकानों तक पहुँचाया जायेगा। प्रणाली में व्यापक सुधार किया जायेगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक में दी गई।मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों को निश्चित समय पर निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध करवाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसी सुदृढ़ व्यवस्था की जाय जिससे कोई भी पात्र परिवार एक रुपये किलो, गेहूँ, चावल, नमक प्राप्त करने से वंचित नहीं रहे। उन्होंने निर्देश दिये कि जहाँ से भी राशन नहीं मिलने की शिकायतें आती हैं, वहाँ सूक्ष्म जाँच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाय। बैठक में खाद्य मंत्री कुंवर विजय शाह, मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा भी मौजूद थे।बैठक में बताया गया कि अभी तक आवंटन जिला स्तर पर दिया जाता था। वहाँ से विकास खण्ड होता हुआ उचित मूल्य दुकान पहुँचता था। इससे विलम्ब सहित कई तरह की गड़बड़ी की शिकायतें मिलती थीं। इस व्यवस्था में सुधार के लिये पूरी आपूर्ति चेन कम्प्यूटरीकृत की जायेगी तथा खाद्यान्न कोटा जारी होने से लेकर दुकान तक पहुँचने तक की प्रत्येक जानकारी आधुनिक सूचना तंत्र के जरिये संबंधित अधिकारी तथा दुकान संचालक तक पहुँचेगी। इसी तरह सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार के लिये प्रथम चरण में भोपाल तथा इन्दौर नगर तथा ग्रामीण क्षेत्र में होशंगाबाद, हरदा, खण्डवा, बुरहानपुर जिले में संपूर्ण व्यवस्था कम्प्यूटरीकृत कर फर्जी राशन कार्डधारियों की पहचान की जायेगी। उपभोक्ता को अपनी सुविधा के अनुसार उचित मूल्य की दुकान से खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा रहेगी। चयनित जिलों के उपभोक्ता आधार नंबर से जुड़ेंगे। बगैर आधार नंबर वाले पात्र परिवारों का भी वैकल्पिक व्यवस्था के लिये पंजीयन किया जायेगा। किसी माह सामग्री नहीं लेने पर उपभोक्ता को अगले माह भी प्राप्त करने की सुविधा रहेगी।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने व्यवस्था में सुधार के प्रयासों की सराहना करते हुए विभागीय अधिकारियों को प्रशंसा-पत्र देने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि आवेदक को नवीन तथा डुप्लीकेट राशन कार्ड एक ही दिन में उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में अब तक 69 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जित होने की जानकारी दी गई। बताया गया कि नियमों में संशोधन कर वेयरहाउस के नवीन लायसेंस और नवीनीकरण की अवधि एक वर्ष की जगह पाँच वर्ष कर दी गई है। पी.पी.पी. मोड में पाँच लाख मीट्रिक टन क्षमता के स्टील सायलो निर्माण के लिये नौ जिले की निविदाएँ स्वीकृत की गई हैं। पारदर्शी प्रक्रिया के फलस्वरूप देश के अन्य राज्यों की तुलना में साइलो बेग बनाने की दरें लगभग 50 प्रतिशत कम आई हैं। प्रदेश की एक और बड़ी उपलब्धि यह है कि गत तीन वर्ष में भंडारण क्षमता में तीन गुना वृद्धि हुई है। इस समय प्रदेश में निजी और शासकीय भण्डारण की क्षमता 165 लाख मीट्रिक टन है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नवीन गोदाम आवश्यकता के अनुसार ही बनाये जायं।बैठक में अपर मुख्य सचिव अजय नाथ, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनोज श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।