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इंदौर । पूर्व कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर ने दिग्विजय सिंह के बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री को दी गई सलाह पर नाराजगी जताई है। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने हाल ही बयान दिया था, जिसमें उन्हाेंने कहा था कि जो लोग सनातन धर्म की बात करते हैं, उन्हें स्वामी प्रेमानंद जी के सनातन पर दिए गए व्याख्यान को पढ़ना चाहिए। इस पर पूर्व मंत्री ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री को दिग्विजय की सलाह की आवश्यकता नहीं है और बागेश्वर धाम के प्रति लोगों की अपनी आस्था है। उषा ठाकुर ने स्पष्ट किया कि कुंभ में कोई भी गैर हिंदू शामिल न हो, उन पर रोक लगनी चाहिए। आने वाले समय में इस पर ध्यान दिया जाएगा और कड़े कदम उठाए जाएंगे।
उषा ठाकुर ने शुक्रवार काे अपने बयान में कहा कि हर किसी की अपनी विचारधारा और कार्यशैली होती है, दिग्विजय बेशक कहते रहे की गोमांस खाओ यह गलत नहीं है। धीरेंद्र शास्त्री का यह विचार है कि जो लोग हिंदू आस्था में विश्वास नहीं रखते, उन्हें धार्मिक आयोजनों और समागम में शामिल नहीं होना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री को अधिकार है कि यह जो हमारा कुंभ है इसमें कोई भी गैर हिंदू शामिल न हो, यह होना भी चाहिए। जिनकी हमारे आस्था में विश्वास नहीं वह क्यों आए कुंभ में, उन पर रोक लगनी चाहिए। पूर्व मंत्री ने इसे एक सार्थक कदम बताते हुए कहा कि जिनकी आस्था नहीं है, उन्हें हमारी धार्मिक परम्पराओं में भाग लेने का अधिकार नहीं होना चाहिए। मैं आज भी कड़े कदम उठा रही हूं मेरी सरकार मेरे साथ हैं और आने वाले समय में इस पर ध्यान दिया जाएगा और कड़े कदम उठाए जाएंगे। उषा ठाकुर ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री का यह सुझाव कि कुंभ से जुड़े धार्मिक आयोजनों में गैर-हिंदू लोगों की उपस्थिति पर रोक लगाई जाए।
बडकाऊ बयान देना दिग्विजय सिंह की आदत
उषा ठाकुर ने दिग्विजय सिंह द्वारा खाद की किल्लत पर दिए गए बयान को लेकर कहा कि दिग्विजय सिंह का भड़काऊ बयान देना और मध्य प्रदेश की वातावरण को खराब करना यह उनके जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हो गया है। हर बार वह इसी बात की पुनरावृत्ति करते रहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि खाद की कोई किल्लत नहीं है। जितनी मात्रा में किसानों को चाहिए उतना उपलब्ध करा रही है हमारी सरकार। हम जैविक खेती की ओर किसानों को आकर्षित करना चाहते हैं, हमारे अन्न और जो फल-सब्जी है, उनकी पौष्टिकता नष्ट हो गई है। सबसे प्रार्थना है कि जैविक खेती की ओर बढ़े पर खाद्य की कोई कमी कहीं नहीं है।
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