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कलियासोत किनारे मकानों को नोटिस झुग्गियों पर ध्यान नहीं
kaliyasot nadi

 

एनजीटी के आदेश पर निगम प्रशासन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को नोटिस जारी कर रहा है, लेकिन ग्रीन बेल्ट के अंदर नदी से सटाकर बनी दामखेड़ा ए और बी सेक्टर पर किसी का ध्यान नहीं है। जबकि यहां हर साल बारिश में झुग्गियों में पानी भरने की समस्या होती है। प्रशासन हर साल मुआवजे की रकम भी बांटता है। लेकिन बारिश के बाद स्थाई हल के बारे में नहीं सोचा जाता।

 सरकार ने वर्ष 2002 में एमपी नगर और श्याम नगर से करीब 200 झुग्गियों को विस्थापित किया था। उस समय मास्टर प्लान में 33 मीटर का प्रावधान होने के बावजूद भी सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर बसा दिया। एनजीटी में कलियासोत मामले में हुई अब तक सुनवाई में सरकार ने अपनी गलती को कभी सामने नहीं रखा।

बताया जाता है कि एमपी नगर और श्याम नगर दामखेड़ा ए और बी सेक्टर में 200 झुग्गियों को बसाया गया था। लोगों को इसके पट्टे भी दिए गए थे। बाद में झुग्गी माफिया ने यहां अवैध झुग्गियां बनाकर बेचने का खूब कारोबार किया। वर्तमान में ए और बी सेक्टर में करीब 3500 झुग्गियां हैं। ए सेक्टर में 3000 और बी सेक्टर में 500 से अधिक झुग्गियां बन चुकी हैं।

कलियासोत गेट खुलने के बाद नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम दामखेड़ा में 24 घंटे तैनात रहती है। लोगों को वहां से निकालकर आसपास के स्कूल में ठहराया जाता है। यहां खाने पीने की व्यवस्था भी की जाती है। बारिश के बाद जलभराव क्षेत्र में बनी झुग्गियां को कभी नहीं हटाया गया।

केंद्र की हाउसिंग फार ऑल (एचएफए) के तहत 2022 तक सभी को पक्के आवास देने का प्रावधान है। कई इलाकों का सर्वे करके अब तक पांच डीपीआर तैयार की गई। लेकिन इसमें कलियासोत नदी के किनारे दामखेड़ा का सर्वे तक नहीं हो पाया।

वार्ड 81 के पार्षद पवन बौराना ने कहा हर साल बारिश में मुआवजा बांटा जाता है, लोगों को स्कूलों में ठहरने की व्यवस्था की जाती है, यह स्थाई हल नहीं है। डूब क्षेत्र से पट्टेधारियों को शिफ्टिंग कर हाउसिंग फार ऑल के मकानों में जगह दी जानी चाहिए। इस संबंध में निगम आयुक्त और महापौर से चर्चा करेंगे।

स्थानीय रहवासी संतोष सिंह का कहना है सर्वधर्म कॉलोनी 1983 में स्वीकृति मिली। उस समय मास्टर प्लान में 33 मीटर का प्रावधान नहीं था। वर्ष 2000 में 33 मीटर का प्रावधान होने के बावजूद सरकार ने झुग्गियां को ग्रीन बेल्ट में बसा दिया। इसको लेकर आज तक किसी ने कोई चिंता नहीं की।

अपर आयुक्त नगर निगम प्रदीप जैन का कहना है दामखेड़ा एरिया का सर्वे किया जाएगा। पात्र लोगों को हाउसिंग फार ऑल के तहत मकानों में शिफ्ट किया जाएगा। बाकी अवैध को तोड़ने की कार्रवाई होगी।

 

Kolar News 14 July 2017

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