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बंगाल में ही क्यों होती है चुनाव बाद हिंसा जवाब दें ममता बनर्जी- कविता पाटीदार
bhopal,  post election violence , Kavita Patidar

भोपाल। प. बंगाल के प्रवास से लौटकर राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल किया है कि सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही हर चुनाव के बाद हिंसा क्यों होती है? क्यों गरीब कार्यकर्ताओं के घर जलाए जाते हैं और महिलाओं पर अत्याचार किए जाते हैं? कविता पाटीदार त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद बिप्लब देब के नेतृत्व वाली भाजपा की उस चार सदस्यीय समिति की सदस्य हैं, जो हाल ही में हिंसाग्रस्त प. बंगाल के हालातों का जायजा लेकर लौटी है।

राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार ने कहा है कि हाल ही में भारत के 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में लोकसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। इसके साथ-साथ तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हुए, लेकिन बंगाल को छोड़कर कहीं भी राजनीतिक हिंसा की कोई घटना नहीं हुई है। बंगाल ही एकमात्र ऐसा राज्य है जो चुनाव के बाद हिंसा की चपेट में है। वहां की भयावह स्थिति को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी गंभीरता से लिया है और बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती 21 जून तक बढ़ा दी है। हिंसाग्रस्त बंगाल में हमारे कार्यकर्ता डरे हुए हैं, जनता डरी हुई है। घर और दुकानें जलाई जा रही हैं, महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है और उनकी एफ़आईआर भी नहीं लिखी जा रही, जो बहुत गंभीर बात है।

 

 

हर चुनाव के बाद होती है हिंसा

 

कविता पाटीदार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा का यह पहला मौका नहीं है। वहां पंचायत चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनाव के भी टीएमसी कार्यकर्ताओं और उनके समर्थक गुंडों ने हिंसा का तांडव किया था। वहां भाजपा के कार्यकर्ताओं को चुन-चुनकर मारा गया, उनके घर जलाए गए और महिला कार्यकर्ताओं को अपमानित किया गया था। राजनीतिक प्रतिशोध में इस तरह की हिंसा लोकतंत्र में अस्वीकार्य और संविधान के खिलाफ है। सुश्री पाटीदार ने कहा कि बात-बात पर लोकतंत्र की दुहाई देने वाली ममता बनर्जी अगर लोकतंत्र पर जरा सी भी आस्था रखती हैं, तो उन्हें इस हिंसा की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।

Kolar News 19 June 2024

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