कोलार में कई बिल्डरों के बैंक खाते होंगे सीज
विकास कार्य नहीं करने वालों पे होगा एक्शन कोलार इलाके के दो दर्जन और भोपाल के 40 से ज्यादा बिल्डर्स के बैंक कहते सीज़ लिए जा सकते हैं। अब बिल्डरों को कॉलोनी में अधूरा विकास कार्य करना महंगा पड़ सकता है। इतना ही नहीं एक साल के अंदर जितने बिल्डरों ने कॉलोनी बनाकर बेच दी हैं, उन्हें भी अपने पैसों से अधूरे विकास कार्यों को पूरा करना होगा। ऐसा न करने पर उनके बैंक खाते और प्रापर्टी सीज की जा सकती है। इस संबंध में नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए हैं।विभाग ने कहा है कि कलेक्टरों से कहा है कि वे हाल ही में बनी ऐसी सभी कॉलोनियों की विकास अनुज्ञा की जांच कर देखें कि उन्होंने तय शर्तों के अनुसार कॉलोनी विकसित की है कि नहीं। यदि कहीं कोई कमी है तो उसे बिल्डर के पैसों से तत्काल पूरा करवाया जाए। इस संबंध में कॉलोनी के रहवासियों से चर्चा कर अधूरे विकास के कारण होने वाली परेशानियों को बिल्डर से दूर करवाएंगे।विभाग ने कलेक्टरों से यह भी कहा है कि वे अपने कार्य क्षेत्र में बनी नई कॉलोनियों का कम्पलिटिशन सर्टिफिकेट भी लें। विभाग ने इस मामले में नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय को भी पत्र लिखकर सूचित किया है कि जो कॉलोनाईजर विकास अनुज्ञा के अनुसार कॉलोनी विकसित नहीं कर रहा है। उसके खिलाफ भूमि विकास नियम 2012 की धारा 25 के तहत कार्रवाई कर कॉलोनी डेवलेप करने की अनुमति निरस्त की जाए।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र के मामले में एक याचिका की सुनवाई के बाद 4 अगस्त को फैसला सुनाते हुए कहा था कि इस क्षेत्र में विकसित हुई 30 कॉलोनियों की जांच की जाए। जिन बिल्डरों ने शर्तो का उल्लंघन किया है उनके खिलाफ टीएनसीपी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए।एनजीटी ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग से कहा है कि प्रदेश भर में कॉलोनी विकसित करने की हाल ही में जितनी अनुमतियां दी गईं हैं उन सभी की कलेक्टर और जिला प्रदूषण अधिकारियों से जांच कराएं। जिन बिल्डरों ने अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया है उनके खिलाफटीएनसीपी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए। एनजीटी के इस फैसले के बाद राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग एसएन मिश्राने कहा कि हमने एनजीटी के निर्देश पर सभी कलेक्टरों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। कालोनाइजर द्वारा अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।