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15 मई 2018 को प्रस्तुत होगा नर्मदा सेवा मिशन का‍ रिपोर्ट कार्ड
नर्मदा सेवा मिशन

 मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा सेवा मिशन की कार्ययोजना के क्रियान्वयन की समीक्षा हर माह करें। साथ ही इसकी प्रगति की जानकारी मुख्यमंत्री डेस्क बोर्ड पर डालें। नर्मदा सेवा मिशन के तहत एक साल में जितने काम होंगे उनका रिपोर्ट कार्ड जनता को 15 मई 2018 को प्रस्तुत किया जायेगा। प्रदेश में विश्व पर्यावरण दिवस आगामी 5 से 15 जून तक पेड़ लगाओ यात्राएं निकाली जायेंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ मंत्रालय में नर्मदा सेवा मिशन की बैठक ले रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संबंधित विभाग के मंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों को नर्मदा सेवा मिशन की कार्ययोजना की प्रतियाँ सौंपी। बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्य तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अमरकंटक में नर्मदा सेवा मिशन की कार्ययोजना नर्मदा प्रवाह का विमोचन किया था। इसके बाद से वे नर्मदा सेवा यात्रा को जनआंदोलन से बदलाव के रूप में सब जगह उल्लेख कर रहे हैं। अब इस कार्ययोजना को क्रियान्वित करने की चुनौती हम सबकी है। नर्मदा सेवा मिशन नदी के संरक्षण और पर्यावरण को बचाने का दुनिया में उदाहरण बनेगा। सभी मंत्री अपने-अपने विभाग में नर्मदा सेवा मिशन के तहत हर माह क्रियान्वित कार्यों की समीक्षा करें। नर्मदा के तटों पर पेड़ लगाने के लिए पंजीयन की वेबसाईट आगामी 24 मई को लाँच होगी। मिशन के तहत नर्मदा के दोनों तटों पर छह करोड़ पौधे लगाये जायेंगे। इसके लिये तैयारियों की कार्ययोजना वन, ग्रामीण विकास और नगरीय प्रशासन विभाग ने तैयार की है। आगामी 31 मई को भोपाल में होने वाली कार्यशाला में सभी जिलों के कलेक्टर अपने-अपने जिले में होने वाले वृक्षारोपण के नक्शा के साथ आयेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पौधे लगाने के लिए गड्ढ़े खोदने का काम और पौधों की उपलब्धता पहले से सुनिश्चित की जाये। पेड़ लगाने के लिये जन-जागरण करने के लिये सभी जिलों में पेड़ लगाओं यात्राएँ निकाली जायेंगी। इनमें आमजन पेड़ लगाने के लिये संकल्प पत्र भरेंगे। आगामी 20 जून तक तय हो जायेगा कि कौन व्यक्ति कहाँ पर पेड़ लगायेगा। पेड़ लगाने के बाद पेड़ों की रक्षा के पौधरक्षक नियुक्त किये जायेंगे और आवश्यक सुविधाएँ दी जायेंगी। उन्होंने कहा कि आगामी एक जुलाई को सेटेलाईट इमेजिंग से देखा जायेगा कि नर्मदा के तटों पर वृक्षारोपण की क्या तैयारियाँ हैं। आगामी दो जुलाई को वृक्षारोपण किया जायेगा तथा फिर तीन जुलाई को नर्मदा तटों की सेटेलाईट इमेजिंग से देखा जायेगा कि कितने पेड़ लगायें। एक साल बाद फिर से पूरे क्षेत्र की सेटेलाईट इमेजिंग की जायेगी। वृक्षों का अधिक से अधिक सरवाईवल रेट रखने की कोशिश की जायेगी। उन्होंने कहा कि पौधे की आपूर्ति की बेहतर योजना बनाई जाये। इस अभियान में दो जुलाई को आमजनों, विद्यार्थियों, विभिन्न संगठनों के साथ शासकीय अधिकारी-कर्मचारी भी वृक्षारोपण करें।

बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, वन विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग और नगरीय प्रशासन एवं विकास‍विभाग द्वारा वृक्षारोपण की तैयारियों की जानकारी दी गई। बताया गया कि प्रदेश के प्रत्येक ग्राम में कम से कम 400 वृक्ष लगाने की योजना बनाई गई है। प्रत्येक 200 पौधों पर एक पौधरक्षक नियुक्त किया जायेगा, जो पौधों की देखभाल और सुरक्षा करेगा। पौधरक्षकों को वन विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा। वन विभाग पौधों की आपूर्ति करेगा। किस संभाग में किस तरह के पौधों की आवश्यकता है इसका ध्यान रखा जायेगा। उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों के खेतों में 40 लाख पौधे लगाये जायेंगे। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नर्मदा तटों के 43 शहरों में वृक्षारोपण जनभागीदारी से कराया जायेगा। कृषि विभाग द्वारा किसानों के खेतों की मेढ़ों पर एक करोड़ पौधे लगाये जायेंगे।

बैठक में बताया गया कि भोपाल में आगामी एक जून को ग्लोबल स्किल समिट आयोजित की जायेगी। इसमें अलग-अलग मुद्दों पर छह सेमिनार होंगे। इसमें इंटेशन टू इम्पलॉय तथा इंटेंशन टू स्किल के लिये अगले तीन सालों में ढ़ाई-ढ़ाई लाख का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह रोजगार सृजन की महत्वपूर्ण योजना है।

आदि शंकराचार्य प्रतिमा के लिये धातु संग्रहण अभियान

बताया गया‍कि प्रदेश में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा के निर्माण के लिये धातु संग्रहण का अभियान आगामी 15 जून से 15 जुलाई तक चलेगा। यह प्रतिमा ओंकारेश्वर में स्थापित होगी। इसके पहले भोपाल में 25 मई को संत सभा का आयोजन किया जायेगा। प्रदेश में आदि शंकराचार्य से जुड़े पाँच स्थान ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर, पंचमठा, उज्जैन और अमरकंटक से पाँच यात्राएँ निकाली जायेंगी। यात्रा के प्रत्येक दिन संवाद सभाएं आयोजित होंगी। इसके अलावा विकासखण्ड स्तर पर उपयात्राएँ भी निकाली जायेंगी। संवाद सभाओं में आदि शंकराचार्य के जीवन दर्शन और प्रतिमा स्थापना के बारे में जानकारी दी जायेगी तथा धातु संग्रह किया जायेगा। प्रत्येक जिले में धातु भंडारण केन्द्र भी बनाये जायेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी मंत्री प्रत्येक सोमवार और मंगलवार को भोपाल में रहें। हर सोमवार को वे अपने-अपने विभाग की समीक्षा करें तथा लक्ष्य पूर्ति करायें। साथ ही अपने विभाग की प्रगति की जानकारी मुख्यमंत्री डेस्क बोर्ड पर उपलब्ध करायें।

Kolar News 24 May 2017

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