Advertisement
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर तीन मई को आयोजित विधानसभा की बैठक में राज्य सरकार नर्मदा नदी का संकल्प ला रही है। बैठक में राज्य जीएसटी विधेयक 2017 को विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा और सदन में चर्चा के बाद विधेयक पारित होगा। मगर नर्मदा पर संकल्प लाए जाने पर सदन में राजनीति गरमाने के आसार हैं।
सूत्रों के मुताबिक जीएसटी को लेकर आयोजित बैठक में नर्मदा नदी के संरक्षण का संकल्प लाने के लिए शुक्रवार को तीन विभागों के बीच जिम्मेदारी सौंपे जाने की चर्चा थी। जल संसाधन, पंचायत और नगरीय प्रशासन विभाग में से किसी एक को यह जिम्मेदारी देने पर विचार किया गया था। अंत में संकल्प तैयार करने की जिम्मेदारी पर्यावरण विभाग को सौंपी गई।
सूत्र बताते हैं कि बैठक में नर्मदा संकल्प आने पर प्रमुख विपक्षी दल अवैध उत्खनन के मुद्दे को एकबार फिर उठा सकता है। दो मई को कांग्रेस नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्वाचन क्षेत्र बुदनी में जमा हो रहे हैं। विधानसभा की बैठक में नर्मदा संकल्प लाए जाने पर कांग्रेस की रणनीति क्या होगी, यह बुदनी में तय होने की संभावना है।
वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो जाने के बाद सभी राज्यों को अपने-अपने राज्यों के जीएसटी संशोधन अधिनियम विधेयक पारित करना है। गुरुवार को राजस्थान और शुक्रवार को छत्तीसगढ़ ने अपने एसजीएसटी अधिनियम विधेयकों के लिए विधानसभा के विशेष सत्र बुलाए थे। इसके पहले बिहार और तेलंगाना भी संशोधन अधिनियम पारित कर चुकी हैं।
मप्र विधानसभा में इसके लिए बजट सत्र को समाप्त घोषित नहीं किया गया, बल्कि 28 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया। तीन मई को बजट सत्र को समाप्त होगा। गौरतलब है कि एक जुलाई से जीएसटी लागू होना है और इसके पहले सभी राज्यों को एसजीएसटी अधिनियम विधेयक पारित कर दिल्ली भेजना है।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |