अब छोटी सड़कों का निर्माण ग्रामीण विकास विभाग करेगा
ग्रामीण सड़कों के संधारण की नीति का प्रस्ताव तैयार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 8 - 10 किलो मीटर तक की छोटी सड़कों के निर्माण के कार्य लोक निर्माण से लेकर ग्रामीण विकास विभाग को दिया जायेगा। इन सड़कों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, खेत-सड़क योजना की सड़कें शामिल होंगी। मुख्यमंत्री ने सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये।मुख्यमंत्री चौहान ने ग्रामीण विकास विकास विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि 2018 तक सभी गाँव की सड़कों से जोड़ने के लिये अभी से योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र का विकास दृष्टि-पत्र बनवाने का आग्रह किया गया है। ये दृष्टि-पत्र ग्रामीण विकास विभाग को सौंपे जायेंगे ताकि सड़कों और अन्य कार्यों की प्राथमिकता का निर्धारण किया जा सके।श्री चौहान ने मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस समारोह के दौरान एक नवम्बर से 7 नवम्बर, 2014 तक किसी एक दिन महिलाओं के स्व-सहायता समूह का सम्मेलन बुलाने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि ग्रामीण सड़कों के लिये समग्र संधारण नीति का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसे केबिनेट के समक्ष विचार के लिये रखा जायेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के क्रियान्वयन में देश में सबसे उत्कृष्ट काम किया है। इसमें शेष रह गयी सड़कों की स्वीकृति के लिये केन्द्र से आग्रह किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी सड़कों की नियमित रूप से जाँच होनी चाहिये और निर्माण की गुणवत्ता के प्रति सजग रहने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दूसरे चरण के लिये नये प्रस्तावों को अभी से तैयार करने के निर्देश दिये।श्री चौहान ने मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में बन रही सड़कों पर डामर बिछाने वित्तीय सहायता के लिये विश्व बैंक को भेजे गये प्रस्ताव पर संबंधित अधिकारियों से चर्चा करने को कहा। उन्होंने मुख्यमंत्री युवा कान्ट्रेक्टर योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले निर्माण कार्यों में युवाओं को इस योजना का लाभ उठाने के लिये प्रेरित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कृषि यंत्रों की उपलब्धता के लिये बनाये जा रहे कस्टम हायरिंग सेंटर में रोड रोलर को भी शामिल किया जाए।मुख्यमंत्री चौहान ने मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन की समीक्षा करते हुए कहा कि बेंकों द्वारा हितग्राहियों से भू-अधिकार पत्र की मांग की जाती है। इसे दृष्टिगत रखते हुए हितग्राहियों को भू-अधिकार प्रमाण पत्र देने के अभियान की रूपरेखा तैयार करें। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए बेंकों को भेजे गये प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की ऑनलाइन समीक्षा की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने हितग्राहियों से भी फीडबेक लेने का तंत्र स्थापित करने के निर्देश दिये।मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान की तैयारियों की समीक्षा करते हुए 2 अक्टूबर से 19 नवम्बर तक चलने वाली सभी रचनात्मक गतिविधियों और 2 अक्टूबर को आयोजित विशेष ग्राम सभा बैठकों की वीडियोग्राफी करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने एक वर्ष के भीतर सभी स्कूलों में शौचालय सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिये।बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास अरूणा शर्मा, अपर मुख्य सचिव वित्त अजयनाथ एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।