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एनजीटी के हस्तक्षेप के बाद अब कलियासोत नदी के कैचमेंट एरिया में बने 77 अवैध अतिक्रमणों पर गाज गिराने की तैयारी की जा रही है। 33 मीटर के दायरे में बनी कई कॉलोनियां अवैध हैं। कॉलोनियों के बिल्डरों को पकड़ा जाएगा जिन्होंने सरकारी नियमों का मखौल उड़ाकर नदी को बर्बाद कर दिया। अधिकारियों ने निरीक्षण किया था, लेकिन कार्यवाही नहीं हुई। निगम को भी एनजीटी में नदी संरक्षण को लेकर जवाब देना है।
एनजीटी के सख्त आदेश के बाद भी नगर निगम और राज्य सरकार के अफसरों द्वारा रेखांकित किए गए कैंपस के नजदीक नदी में कचरा फेंका जा रहा है। निगम अधिकारियों ने भी इसको साफ करने का अभियान नहीं चलाया है। इससे नदी की दशा दयनीय हो गई है। इसके अलावा क्षेत्र से लगी इमारतों के कागजात का नए सिरे से सर्वे होगा और कागजों की जांच होगी । अधिकांश स्थानों पर कलियासोत नदी पर सीमांकित और चिन्हांकित नदी का किनारा (जीरो मार्क) एवं ग्रीन बेल्ट (33 मीटर किनारो से दोनों ओर) के पिलर्स या तो जान बूझकर तोड़ दिए गए है अथवा उन्हे ढंक दिया गया है, ताकि आने वाले ग्राहकों को संबधित बिल्डर के द्वारा किए गए अतिक्रमण की जानकारी न मिल सके। ऐसे लोगों के खिलाफ शिकंजा कसा जा रहा है।
कलियासोत नदी के कैचमेंट एरिया में लगी मुनारों को भी ढक कर निर्माण करने वाले बिल्डरों को चिन्हित किया जाएगा और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज भी की जाएगी। गौरतलब है कि कलियासोत नदी के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण और इसकी हो रही दुर्दशा को लेकर भोजपुर स्थित अंतिम बिंदु तक के लगभग 36 किमी की संपूर्ण नदी की लम्बाई पर अतिक्रमण और नदी की सफाई का मामला एनजीटी में विचाराधीन है। इसके अलावा अवैध निर्माण की अनुमति देने वाले टीएंडसीपी, नगर पालिका कोलार, सरपंच को भी पूछताछ के घेरे में लिया जाएगा। कलियासोत के कैचमेंट में हो रहे अतिक्रमण और सफाई पर कठोर निर्णय लिए जाएंगे।
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