Video

Advertisement


एक्सीलेंस कॉलेज में प्रोफेसर्स को रोजाना 6 घंटे 40 मिनट रुकना जरूरी
उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान (एक्सीलेंस कॉलेज )

कोलार इलाके के उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान (एक्सीलेंस कॉलेज ) के डायरेक्टर ने नया फरमान जारी कर कहा कि प्रोफेसर्स को रोजाना कम से कम 6 घंटे 40 मिनट तक ड्यूटी पर रुकना होगा, वहीं फैकल्टी ने डायरेक्टर के इस फरमान का विरोध शुरू कर दिया है। उधर, डायरेक्टर ने साफ शब्दों में कहा है कि जो फैकल्टी इस नियम का पालन नहीं करेगी, वह कार्रवाई के लिए भी तैयार रहे। दरअसल, उत्कृष्टता संस्थान के डायरेक्टर ने आदेश जारी किया है कि प्रोफेसर्स को सप्ताह में कम से कम 40 घंटे रुकना है। इसमें उनका अध्यापन कार्य, रिसर्च, अध्ययन आदि शामिल रहेगा। गौरतलब है कि अब तक यहां के प्रोफेसर प्रतिदिन पांच-साढ़े पांच घंटे ड्यूटी पर रुकते थे।

अब तक संस्थान की फैकल्टी करीब पांच-साढ़े पांच घंटे प्रतिदिन यहां रुकती है। इस तरह इनके रुकने के समय में करीब सवा घंटे की बढ़ोतरी हुई है। इसी का विरोध किया जा रहा है। फैकल्टी की दलील है कि जरुरत पड़ने पर वे ज्यादा भी रुकते हैं, लेकिन समय की बाध्यता ठीक नहीं है।

संस्थान के एक प्रोफेसर ने कहा कि यूजीसी ने प्रति सप्ताह 40 घंटे के वर्कलोड की बात की है। इसमें शिक्षण कार्य के साथ रिसर्च के लिए पढ़ना भी शामिल है। यह नहीं कहा गया है कि कॉलेज में रहकर ही पढ़ाई की जाए। फैकल्टी हफ्ते में आठ दिन घर पर भी पढ़ाई कर सकती है। इसी तरह वर्कलोड में सप्ताह में प्रोफेसर के लिए 14 घंटे और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए 16 घंटे क्लास रूम टीचिंग शामिल है। इतना तो हम अब भी पढ़ाते हैं, लेकिन 40 घंटे वर्कलोड का मतलब यह कतई नहीं है कि इतने समय संस्थान में बिताना जरूरी है।

 

Kolar News 12 April 2017

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.