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कोलार में नगर पालिका के समय एफओबी बनाने की योजना चार साल पहले बनाई गई थी, जो कि नपा के भंग होने के बाद से ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। अब अधिकारियों को इस बारे में कुछ पता ही नहीं हैं ,जबकि पहले प्रोजेक्ट की सारी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी थीं।
कोलार मेन रोड पर आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। हफ्ते में दो-चार सड़क हादसे होना आम हो गई है। यह हादसे खासतौर पर सर्वधर्म, मंदाकिनी, अमरनाथ और बीमाकुंज की सड़कों पर देखे जा रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि रोड पर कई शैक्षणिक संस्थान, सार्वजनिक स्थल, बस स्टॉप, होटल, मॉल बने हुए हैं। जहां दिनभर लोगों की आवाजाही लगी रहती है। ऐसे में सड़क पार करते हुए जरा सी चूक के कारण दुर्घटना घटित हो जाती हैं। इसकी मुख्य वजह बताई जा रही है कि रोड पर कहीं भी एफओबी नहीं है और न ही ट्रैफिक सिग्नल। इस वजह से राहगीर जान जोखिम में डालकर रोड पार करते हैं। इसके चलते सबसे अधिक परेशानी रोजाना स्कूल के बच्चों और बुजुर्गों को झेलनी पड़ रही है।
कोलर में सुबह 8 बजे से लेकर 11 बजे तक और शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक ट्रैफिक का काफी दबाव सड़क पर रहता है। इस दौरान 1000 से 1500 पर कार यूनिट पीसीयू तक हो जाता है। ऐसे में सड़क पार करना राहगीरों के लिए मुश्किल होता है। रोड क्रॉस करने राहगीर 15 से 20 मिनट तक सड़क किनारे इंतजार करते हैं।
जोनल अधिकारी शैलेष चौहान को पता ही नहीं है यह योजना कब बनाई गई थी, इसके बारे में जानकारी नहीं हैं। लेकिन सड़क पर वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण एफओबी प्रस्ताव बनाकर भेजने की बात वह जरूर करते हैं।
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