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डेंगू नियंत्रण के लिये जनता भी बने जागरूक
डेंगू नियंत्रण के लिये जनता भी बने जागरूक
वरिष्ठ अधिकारी घूमे वार्ड-वार्डराजधानी को डेंगू-मुक्त करने के लिये आज जिला-स्तरीय नियंत्रण कक्ष के साथ ही क्षेत्रीय नियंत्रण कक्ष भी शुरू कर दिये गये हैं। नागरिकों को मलेरिया, डेंगू और अन्य रोगों से बचाव की शिक्षा का कार्य भी तेज कर दिया गया है। रविवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव प्रबीर कृष्ण ने जिला प्रशासन और नगर निगम अमले के साथ अनेक वार्ड का भ्रमण किया। इस दौरान घरों के पास गढ्ढों में ठहरे पानी को हटवाने, कूलर, गमलों और पुराने टायरों में रखे पानी को निकलवाने और आवश्यक स्थानों पर केरोसिन केछिड़काव की कार्यवाही भी की गई। संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों को इन रोगों से बचाव की समझाइश का कार्य भी तेज कर दिया गया है। आज अम्बेडकर नगर, अब्बास नगर, कोलार रोड के अन्य कई क्षेत्रों में इसकी शुरूआत हुई है।कंट्रोल-रूमजिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष डेंगू नियंत्रण से संबंधित समस्त समन्वय कार्य करेगा। इस कक्ष के दूरभाष क्रमांक 0755-2551291, 0755-2551293, 94799-60334 रहेंगे। भोपाल में जेपी अस्पताल में रीजनल कंट्रोल-रूम भी कार्य करेगा, जिसके प्रभारी डॉ. अवस्थी (98270-56443) रहेंगे। कोलार क्षेत्र में रीजनल कंट्रोल-रूम के प्रभारी डॉ. टंडन (98931-94943) रहेंगे। गोविंदपुरा क्षेत्र में भी एक कंट्रोल-रूम प्रांरभ किया जा रहा है, जिसकी प्रभारी डॉ. मंजूलता अग्रवाल रहेंगी।आशा कार्यकर्ता करेंगी रोजाना रिपोर्टराजधानी क्षेत्र में करीब 900 आशा कार्यकर्ता को डेंगू और अन्य रोगों के प्रमाण मिलते ही जिला कंट्रोल-रूम में रोजाना रिपोर्ट करने की जिम्मेदारी दी गई है। बुखार और अन्य लक्षणों के दिखाई देने पर रोगियों को सरकारी अस्पताल जाने की समझाइश भी आशा कार्यकर्ता द्वारा दी जायेगी।सरकारी अस्पताल में ही इलाज करवायेंडेंगू से संबंधित लक्षणों के नजर आते ही तुरंत सरकारी अस्पताल में जाकर इलाज करवाने का परामर्श स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया गया है। कोई भी व्यक्ति रोग की आशंका होने पर निजी अस्पताल जाने के बजाय शासकीय चिकित्सालय जायें क्योंकि अधिकांश निजी अस्पताल आवश्यक प्रोटोकाल का ज्ञान नहीं रखते और उसका पालन भी नहीं करते।लापरवाही पर हो सकता है जुर्मानाडेंगू जैसे रोग रोकथाम के प्रयासों के बावजूद यदि फैलते हैं, तो इसके लिये ऐसे परिवारों को दोषी माना जायेगा, जिनके घर और निजी परिसर में ठहरे हुए पानी और लार्वा होने के प्रमाण मिलते हैं। प्रारंभ में परिवार के स्तर पर 1000 रुपये और संस्थान के स्तर पर 10 हजार रुपये का अर्थ दण्ड किये जाने पर विचार किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के अमले द्वारा निगरानी और निरीक्षण में ऐसे प्रकरण चिन्हित किये जायेंगे। आज प्रमुख सचिव श्री प्रवीर कृष्ण ने भ्रमण के पश्चात आयोजित बैठक में भी लोगों को जागरूक बनाने और रोग नियंत्रण में जनता की भागीदारी की जरूरत बताई। उन्होंने अस्पतालों में डेंगू के मरीजों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश समस्त चिकित्सकों और अन्य स्टॉफ को दिये हैं। गत डेढ़ माह से भोपाल के सभी शासकीय चिकित्सालय और प्रदेश के समस्त स्वास्थ्य केन्द्र में डेंगू से प्रभावित मरीजों के समुचित उपचार के निर्देश भी दोहराये गये हैं। आज के भ्रमण में एडीएम भोपाल जिला बी.एस. जामोद और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
Other Source 2016/05/08

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