Advertisement
मध्यप्रदेश में 31 मार्च तक किसी भी नए प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं मिलेगी। सरकार ने वित्तीय और परियोजना समिति की बैठकों पर रोक लगा दी है। वित्त विभाग ने बजट के स्वरूप में आए बदलाव का हवाला देते हुए विभागों से कहा है कि नए नियम बनने तक समितियों की बैठकें न करें।
सूत्रों का कहना है कि 31 मार्च को 12वीं पंचवर्षीय योजना समाप्त हो रही है। इसके बाद अब पंचवर्षीय योजनाएं नहीं होंगी। इसकी जगह तीन साल का एक्शन प्लान लागू होगा। इसके लिए राज्य योजना आयोग ने कार्ययोजना बनाकर मुख्यमंत्री को सौंप दी है। इसके मुताबिक ही 2017-18 के बजट को नए स्वरूप में पेश किया गया है।
इसमें विभागों को योजना और आयोजना (वेतन, भत्ते व अन्य प्रशासनिक व्यय) के लिए एकमुश्त राशि दी है। विभागों को राशि का बंटवारा अपने हिसाब से करना है। इसके नियम वित्त विभाग बनाएगा, इसलिए स्थायी वित्त समिति, वित्तीय व्यय समिति और परियोजना परीक्षण समिति की बैठकों पर रोक लगा दी गई है।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर विभागों ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए प्रोजक्टों की मंजूरी समितियों से ले ली है। जिन योजनाओं के लिए प्रशासकीय स्वीकृति लेना बाकी हैं, वे वैसे भी नए वित्तीय वर्ष में ही लागू होंगी, इसलिए मंजूरियां भी नई व्यवस्था के तहत ही मिलेंगे।
पहली बार विभागों को वेतन, भत्ते या प्रशासनिक व्यय के लिए वित्त विभाग से अलग से राशि नहीं मांगनी होगी। बजट में ही इसका इंतजाम कर दिया गया है। अब बजट किस तरह खर्च किया जाएगा, इसके नियम वित्त विभाग जल्द ही जारी करेगा।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |