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भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में रविवार को चार बार मध्य प्रदेश का जिक्र किया। सबसे पहले उन्होंने शहडोल में 100 कुओं के जरिए बारिश में वाटर रिचार्जिंग का जिक्र किया। इसके बाद उज्जैन में अलग-अलग शैलियों में बन रही पुराणों पर आधारित पेंटिंग के बारे में बताया। अमेरिका द्वारा भारत को लौटाई गई मूर्तियों में एक मूर्ति का नाता मध्य प्रदेश से है, यह भी प्रधानमंत्री ने बताया। वहीं फिर एक बार शहडोल जिले के विचारपुर गांव का जिक्र किया, जिसे मिनी ब्राजील के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कि कैसे यह गांव नशे से मुक्त होकर फुटबाल से प्रेम करने लगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में पकरिया गांव से शुरू की गई जल क्रांति और विचारपुर की फुटबाल क्रांति की चर्चा की। उन्होंने शहडोल के विचारपुर को मध्य प्रदेश का मिनी ब्राजील कहा। उल्लेखनीय है कि यह गांव पहले अवैध शराब और नशे की गिरफ्त में था। एक फुटबाल नेशनल प्लेयर रईस अहमद ने बच्चों को यहां फुटबाल सिखाना शुरू किया और इस गांव की पहचान फुटबाल से हो गई। इस गांव में 40 से ज्यादा नेशनल खिलाड़ी निकले हैं। शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा ने प्रशिक्षक और खिलाड़ियों की रूचि को देखते हुए फुटबाल क्रांति की शुरुआत कर दी। शहडोल सहित उमरिया, अनूपपुर में अब तक 1200 फुटबाल क्लबों का गठन कराया गया है। क्लबों के माध्यम से फुटबाल के खेल से युवा तेजी से जुड़ रहे हैं। कमिश्नर राजीव शर्मा के अभियान से ही फुटबाल को यह गति मिली है।
विचारपुर गांव में फुटबाल के प्रति जुनून
विचारपुर गांव के हर घर में फुटबाल के खिलाड़ी हैं। आदिवासी बाहुल्य गांव होने के बाद इनमें फुटबाल के प्रीति एक जुनून है। इस जुनून को कमिश्नर ने नई उड़ान दे दी है। प्रधानमंत्री जब पकरिया आए थे, तो फुटबाल खिलाड़ियों से मुलाकात करने के बाद वह बहुत प्रभावित हुए और मन की बात में आज उन्होंने खुलकर प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के शहडोल जिले का बिचारपुर गांव ब्राजील के रूप में पहचान बना रहा है।
प्रधानमंत्री शहडोल के जिस पकरिया गांव में कोल, गोंड, बैगा और पनिका आदिवासियों से मिले थे, वहां सामाजिक जल क्रांति की बड़ी पहल हो रही है। पकरिया और आसपास गावों के 100 कुओं को भूजल रिचार्जिंग स्टेशन में बदल दिया गया है। मानसून में बारिश का पानी सीधे कुओं में डाला जा रहा है। जैसे ही दो-तीन दिन बारिश रुकती है, 12 से 15 फीट तक भरे हुए कुएं में 3-4 फीट पानी बचता है। पानी बरसते ही जल रिचार्ज हो जाता है। कमिश्नर राजीव शर्मा ने ही जल क्रांति अभियान की शुरुआत कराई और खुद इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं। कोशिश की जा रही है कि संभाग के तीनों जिलों शहडोल, उमरिया और अनूपपुर के 1000 कुओं में ऐसे पानी डाला जाए। ताकि वाटर लेवल अच्छा हो जाए।
उज्जैन में बन रहे चित्र
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में उज्जैन में बन अलग-अलग शैली के चित्रों का जिक्र किया गया। उन्होंने कहा कि एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है। यहां देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं। ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, यानी कुछ समय बाद जब आप उज्जैन जाएंगे, तो महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे।
अमेरिका से मिली मूर्ति का मध्य प्रदेश से है नाता
प्रधानमंत्री ने मन की बात में कहा कि कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक अद्भुत क्रेज दिखा। अमेरिका ने हमें 100 से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियां वापस लौटाई हैं। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इन कलाकृतियों को लेकर खूब चर्चा हुई। युवाओं में अपनी विरासत के प्रति गर्व का भाव दिखा। भारत लौटीं ये कलाकृतियां 2500 साल से लेकर 250 साल तक पुरानी हैं। उन्होंने कहा कि इन दुर्लभ चीजों का नाता देश के अलग-अलग क्षेत्रों से है। ये टेरोकोटा, स्टोन मेटल और लकड़ी के इस्तेमाल से बनाई गई हैं। इनमें से कुछ तो ऐसी हैं, जो आपको, आश्चर्य से भर देंगी। आप इन्हें देखेंगे, तो देखते ही रह जाएंगे। इनमें 11वीं शताब्दी का एक खूबसूरत सेंड स्टोन स्कल्पचर भी आपको देखने को मिलेगा। ये नृत्य करती हुई एक 'अप्सरा' की कलाकृति है, जिसका नाता, मध्य प्रदेश से है।
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