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ग्वालियर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी के मामले में बुधवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री राजा पटेरिया पर आरोप तय कर दिए हैं। सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री पटेरिया कोर्ट में मौजूद रहे। कोर्ट ने अब इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 जुलाई की तारीख तय की है। इससे पूर्व एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने पुलिस जांच के दौरान बढ़ाई गईं धारा निरस्त करने की याचिका खारिज की थी।
एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के जज सुशील कुमार जोशी ने बुधवार को सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री राजा पटेरिया पर धारा 451, 504, 505(1)(क) एवं ग, 506, 153 ख (1)(ग), 115 एवं 117 के तहत आरोप विरचित किए हैं। कोर्ट में मौजूद पूर्व मंत्री पटेरिया को भी यह आरोप पढ़कर सुनाए और समझाए गए। पटेरिया ने आरोप अस्वीकार कर प्रकरण में विचारण चाहा। इससे कोर्ट ने अब सुनवाई के लिए 13 जुलाई की तारीख तय कर दी है। कोर्ट में राज्य शासन की ओर से एडीपीओ अभिषेक मेहरोत्रा ने तर्क रखे।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री ने पन्ना जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच बैठक करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ टिप्पणी कर लोगों को उकसाने वाली बात कही थी। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने पूर्व मंत्री राजा पटेरिया को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। राजा पटेरिया अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं।
मामले में बुधवार को ग्वालियर में एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने धारा 227 के आवेदन को पिछली सुनवाई में खारिज कर दिया। उन्होंने अभियोजन के आरोपों को बेबुनियाद बताया था। साथ ही, बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के आरोप लगाए थे। अब अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी।
पूर्व मंत्री पर लगाई गईं धाराएं व उनमें सजा
- धारा 451: कारावास से दंडनीय अपराध में यह धारा लगाई जाती है। दो वर्ष तक कारावास और जुर्माना।
- धारा 504: किसी के अपमान के लिए उकसाने, शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना। दो साल कारावास।
- धारा 505 (1)(ख) व (ग): किसी वर्ग या समुदाय को किसी के खिलाफ अपराध के लिए उकसाना। तीन साल तक कैद और जुर्माना।
- धारा 506: आपराधिक धमकी का अपराध करना। दो साल तक कैद और जुर्माना।
- धारा 153 ख (1)(ग): धर्म, मूलवंश, भाषा, जन्म-स्थान, निवास-स्थान के आधारों पर सौहार्द्र बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालना। तीन वर्ष तक कैद और जुर्माना।
- धारा 115: ऐसे अपराध के लिए उकसाना, जिससे किसी की जान जा सकती है। सात साल कैद और जुर्माना।
- धारा 117: दस से अधिक व्यक्तियों को अपराध के लिए उकसाना। तीन साल तक कैद और जुर्माना।
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