कालिसोत ग्रीन बेल्ट में निर्माण पर चलेगा बुलडोजर
कलियासोत नदी के किनारे जल्द ही प्रशासन का बुलडोजर चलने वाला है। कलियासोत नदी बचाओ याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए एनजीटी ने राज्य सरकार को नदी का सीमांकन करने और 33 मीटर के दायरे में हुए निर्माण को तोड़ने के आदेश दिए हैं। टीएंडसीपी द्वारा दी गई रिपोर्ट पर एनजीटी ने भोपाल व रायसेन कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त के अलावा कोलार व मंडीदीप नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी को पूर्व में दिए गए आदेश का सख्ती से पालन करने को कहा है। एनजीटी ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव व भोपाल नगर निगम कमिश्नर से इस मामले में जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी।सुनवाई के दौरान टीएंडसीपी ने नदी के सीमांकन व ग्रीनबेल्ट को चिह्नित करने के लिए 6 माह का समय मांगा, लेकिन एनजीटी के जस्टिस दलीप सिंह ने टीएंडसीपी की मांग को खारिज करते हुए 3 माह में नदी का सीमांकन कर अतिक्रमण हटाने को कहा है। याचिकाकर्ता पर्यावरणविद् डॉ.सुभाष सी पांडे ने बेंच को नदी के किनारे हुए अतिक्रमण के फोटोग्राफ दिखाते हुए बताया कि नदी की जमीन पर कब्जा कर बिल्डर नदी को खत्म कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा।नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की तरफ से अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान एनजीटी को बताया कि भास्कर इंडस्ट्रीज समेत 16 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी करते हुए निर्माण पर रोक लगा दी गई है। भास्कर इंडस्ट्रीज ने कलियासोत नदी के किनारे अवैध रूप से बड़ा निर्माण किया है। दायर याचिका में भी भास्कर इंडस्ट्रीज को अतिक्रमणकारी बताया है। इसके अलावा बीडीए, एचजे कल्चुरी एजुकेशन ट्रस्ट, दानिश गृह निर्माण सहकारी समिति, सर्वधर्म गृह निर्माण सहकारी समिति, मेसर्स गरुड़ कॉलोनाइजर को नोटिस जारी किया गया है।एनजीटी ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को आदेश दिए हैं कि कलियासोत नदी में सीवेज नहीं मिलना चाहिए। एनजीटी ने कहा कि संस्थाओं, कॉलोनियों, प्रोजेक्टों की जांच की जाए और अनट्रीटेड सीवेज, औद्योगिक व घरेलू जहरीले रसायन प्रवाहित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, बताया गया कि एनजीटी में जो जानकारी दी गई है, उसमें कॉलोनी, प्रोजेक्ट एवं संस्था मिलाकर 16 संस्थानों पर नदी को प्रदूषित करना पाया गया है।नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने जल संसाधन विभाग से पूछा है कि कलियासोत नदी में निरंतर जल प्रवाह बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाये जा सकते हैं। साथ ही नदी के जल की गुणवत्ता बनी रहे, इसके लिए अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है, ताकि नदी को बचाने के लिए कदम उठाए जा सकें।एनजीटी में दायर याचिका में कॉलोनियों एवं प्रोजेक्टों को मिलाकर 27 संस्थाओं को नदी में मल, सीवेज, एवं जहरीले रसायन डालने का आरोपी बनाया गया था, लेकिन एनजीटी में प्रस्तुत रिपोर्ट में 17 संस्थाओं को नदी प्रदूषित करने का दोषी बताया गया है। इनमें शाहपुरा लेक से अतिरिक्त प्रवाह का पानी, नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ फैशन, ईश्वर नगर बस्ती, श्री कृष्णा कॉलोनी कोलार, फॉरच्यून कॉलोनी, अमरनाथ व सार्इंनाथ कॉलोनी, पैलेस आॅर्चड, सर्वधर्म दामखेड़ी झुग्गी, सर्वधर्म ए, बी एवं सी सेक्टर, सर्वधर्म भूमिका, शिर्डीपुरम, सागर प्रीमियम प्लाजा, आम्र पैलेस, सिग्नेचर कॉलोनी, रॉयल कॉलोनी, भूमिका रेसीडेंसी, दानिश कुंज ब्रिज के पास स्थित झुग्गी, सलैया एवं सनखेड़ी ग्राम, बिलकहरी, गुराड़ी एवं पिपल्या गांव हैं।