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अनूपपुर। जिले में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक के आदिवासी छात्रों के आरक्षण पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में आदिवासियों के आरक्षण को 50 प्रतिशत से कम कर 7.50 प्रतिशत कर दिया गया। प्रधानमंत्री ने शहडोल दौरे में एक बार भी इस आरक्षण के बारे में जिक्र तक नहीं किया। यह प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री दौरे के एक दिन बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ट्वीट के माध्यम से दी।
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि जनजातीय विश्वविद्यालय में क्षेत्र के आदिवासी छात्र छात्राएं पढ़ने के लिए तरस रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इस विषय में कुछ नहीं बोला। क्या आदिवासी छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा की पढ़ाई से वंचित रखना भाजपा की आदिवासी विरोधी मानसिकता का परिचायक नही है?। मैं 13 मई को अनूपपुर जिले के दौरे पर था तब अमरकंटक स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के इच्छुक आदिवासी छात्र छात्राओं ने मुझे बताया कि विवि में आदिवासी वर्ग के छात्र छात्राओं को प्रवेश में 50% आरक्षण था वो घटाकर 7.50आरक्षण कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री आदिवासी छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षित करने के जिस उद्देश्य से जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी यदि वही पूरा नहीं होगा तो फिर कैसे आप कह सकते हैं कि आपकी सरकार आदिवासियों के हित में काम कर रही है। यदि वे पढ़ेंगे नहीं तो बढ़ेंगे कैसे? प्रधानमंत्री मेरा आपसे अनुरोध है कि आदिवासी बाहुल्य राज्य मध्यप्रदेश के एकमात्र जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में आदिवासी छात्र छात्राओं को प्रवेश में 50 प्रतिशत आरक्षण दिलवाने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलाधिपति से चर्चा कर विषय का निराकरण करवाएं।
पहले भी लिख चुके हैं पत्र
इस मामले में पूर्व में छात्रों के एक संगठन दिग्विजय सिंह से मिला था। जिस पर सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा था। पत्र उल्लेख है कि छात्रों ने बताया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक की स्थापना वर्ष 2007 में जनजाति समुदाय के विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य एवं जनजाति समुदाय कला एवं संस्कृति को संरक्षित रखने के उद्देश्य की गई थी। स्थापना वर्ष में विद्यालय में जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की संख्या 70 से 80 प्रतिशत थी। जो वर्ष 2012 से निरंतर कम होकर वर्ष 2022 में मात्र 14.44 प्रतिशत रह गई। इसी प्रकार विश्वविद्यालय में 200 की संख्या में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर ,असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।जिनमें मात्र 4 असिस्टेंट एसोसिएट एवं 1 एसोसिएट प्रोफेसर हैं। जनजाति वर्ग विद्यार्थियों के लिए दिग्विजय सिंह ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक में विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए राष्ट्रपति से निवेदन किया था।
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