नगर निगम नहीं दे रहा कोलार पर ध्यान
कोलार को नगर निगम में शामिल कर लिया गया है लेकिन कोलार की मुसीबतें काम होने का नाम नहीं ले रही हैं ,भोपाल नगर निगम ने कोलार को अपने एजेंडे से ही अलग कर दिया है। नगर निगम परिषद की अंतिम बैठक के एजेंडे में कोलार क्षेत्र के विकास से संबंधित कोई विषय शामिल नहीं िकया गया। यहां तक कि कोलार क्षेत्र का विलय होने पर नर्मदा जल या कोलार डेम का पानी देने की मांग को भी दरकिनार कर दिया गया है। जबकि युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पिछले दिनों ही निगम परिषद के अध्यक्ष कैलाश मिश्रा को एक ज्ञापन सौंपकर इस अहम विषय को परिषद के समक्ष रखने का निवेदन किया था। इससे पता चलता है कि आईएसबीटी के नवनिर्मित परिषद हॉल में बैठने वालों को कोलार की या कोलार की जनता की कितनी फिक्र है। इस तरह के व्यवहार के चलते कोलार के नागरिक गुस्से में हैं। उनको लगता है कि उनके साथ अब भी सौतेला व्यवहार हो रहा है। कोलार में योजनाएं लंबित हैं। 52 करोड़ की यूआईडीएसएसएमटी के तहत केरवा डेम से पानी सप्लाई करने की योजना। 28 करोड़ करीब सीवेज नेटवर्क योजना। 02 करोड़ गेहूंखेड़ा सब्जी मंडी योजना का क्या हो रहा है इसकी जानकारीकिसी के पास नही है। की उम्मीद। अब तक की गईं घोषणाएं 250 करोड़ का विशेष पैकेज : कोलार विलय की औपचारिक घोषणा करते हुए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा। नर्मदा जल देने का वादा : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधान सभा चुनाव प्रचार के दौरान बीमाकुंज में आयोजित सभा में किया। कोलार के घरों में नर्मदा जल पहुंचाने का संकल्प : विधान सभा चुनाव प्रचार के दौरान रामेश्वर शर्मा ने कहा। कोलार को कोलार डेम से पानी दिलाने में सहयोग : विलय की कवायद के दौरान महापौर कृष्णा गौर ने विलय का समर्थन करने वालों को आश्वासन दिया, पानी चाहिए । डॉ धीरज शुक्ल का कहना है कोलार की स्थिति इस वक्त बहुत खराब है। सफाई ठीक से नहीं होती है। सीवेज सड़कों पर है। सड़कें बदहाल हैं। शिकायत करने पर कोई सुनता नहीं हैं। पालिका हो या निगम जनता तो परेशान ही हो रही है।सरकार को जल्दी कुछ करना चाहिए। पालिका की अपेक्षा निगम बड़ी एजेंसी होती है। उसके शासन में स्वाभाविक है कि कोलार का विकास बड़े स्केल पर होगा, पर ऐसी अनदेखी ठीक नहीं है। क्योंकि कोलार की जनता को निगम से बड़ी उम्मीदें हैं। सर्वधर्म में रहने वाली शालिनी शर्मा कहती हैं नगर निगम में जब कोलार को शामिल कर लिया गया है, तो उसकी प्राथमिकता में कोलार को होना चाहिए। परिषद में कोलार क्षेत्र के विकास और पानी की समस्या पर निर्णय लिया जाना चाहिए था।