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भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्रामीण एवं पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के बयान को लेकर आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अपने बयान से मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया कहना क्या चाहते हैं। मंत्री जी बताएं कि आखिर बालाघाट और छिंदवाड़ा जिले को, वहां की जनता को आप किस नजरिए से देखते हैं।
रानी अग्रवाल ने मंगलवार को अपने बयान में कहा कि मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का मुरैना में एक बैठक के दौरान अफसरों को फटकार लगाते हुए ये धमकाना कि ‘बालाघाट और छिंदवाड़ा भेज दूंगा’ न केवल बालाघाट और छिंदवाड़ा जिलों का अपमान हैं बल्कि वहां के आदिवासी भाइयों का भी अपमान हैं। उन्होंने कहा कि क्या छिंदवाड़ा और बालाघाट किसी अफसर को भेजा जाना आप उसे दी गई सजा के तौर पर देखते हैं। आखिर ऐसा क्यों?
रानी अग्रवाल ने कहा कि छिंदवाड़ा और बालाघाट में क्या आदिवासी भाई-बहन ज्यादा हैं, इसलिए मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया यहां अफसरों को भेजना सजा के तौर पर देख रहे हैं। क्या छिंदवाड़ा और बालाघाट में जंगल ज्यादा हैं इसलिए मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया यहां अफसरों को भेजना सजा के तौर पर देखते हैं। मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का बयान बालाघाट और छिंदवाड़ा को बदनाम और अपमान करने वाला बयान हैं।
रानी अग्रवाल ने कहा कि भाजपा और उनकी सरकार आदिवासियों को अपना भाई बताती है लेकिन भाजपा सरकार के ही एक मंत्री आदिवासियों के बीच अफसरों को भेजने को एक सजा के तौर पर देखते हैं। ये भाजपा का दोहरा चरित्र है और भाजपा का चेहरा उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि 18 साल से मध्य प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है क्यों सरकार अबतक बालाघाट का बेहतर विकास नहीं कर पाई। क्यों बालाघाट ट्रांसफर होना अबतक सजा के तौर पर देखा जाता है? आखिर जिम्मेदार कौन हैं?
रानी अग्रवाल ने कहा कि मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का बयान बेहद ही आपत्तिजनक है। उन्हें अपने बयान पर छिंदवाड़ा और बालाघाट की जनता से माफी मांगनी चाहिए। अगर मंत्री सिसोदिया अपने बयान पर माफी नहीं मांगते हैं तो पूरे प्रदेश का आदिवासी वर्ग भाजपा को विधानसभा चुनाव में सबक सिखाएगा। वहीं मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के बयान के विरोध में आम आदमी पार्टी छिंदवाड़ा और बालाघाट में बुधवार को प्रदर्शन करेगी।
बता दें की सोमवार को मुरैना पहुंचे पंचायत मंत्री सिसोदिया ने कहा था कि अधिकारी जनप्रतिनिधि से मेल बनाकर रखें। बिना जनप्रतिनिधि के कोई भी उद्घाटन या शिलान्यास नहीं होगा। इतना ही नहीं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने हिदायत देते हुए कहा कि जो जनपद पंचायत सीईओ मुख्यालय पर नहीं रहते उन पर जल्द कार्रवाई करके उनको छिंदवाड़ा या बालाघाट भेजेंगे।
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