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इस साल आएगा शहर का मास्टर प्लान
लगभग 12 साल बाद भोपाल का मास्टर प्लान इस वर्ष जारी होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार अब इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। गौरतलब है कि इसके पहले 2005 में शहर का मास्टर प्लान जारी हुआ था। इसके बाद तैयार तो तीन बार हुआ पर किसी न किसी कारण से रोक दिया गया। इस कारण शहर का बेतरतीब विकास हुआ। अब शहर के हरेक वर्ग को बेसब्री से मास्टर प्लान का इंतजार है।
12 साल बाद भोपाल विकास योजना (मास्टर प्लान) का चौथा मसौदा तैयार होगा। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) ने इसके आदेश जारी कर नए मसौदे को बनाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था जिसके मदद से नए सिरे से सेटेलाइट इमेज लेकर ड्राफ्ट बनाया जा रहा है। इसके लिए मार्च 2017 की डेडलाइन तय की गई है। यदि पिछली बार जैसे विवाद नहीं हुए तो सरकार 2017 के अंत तक नया प्लान लागू कर देगी।
भोपाल मास्टर प्लान 2031 के लिए सरकार साल 2007, 2009 और 2012 में तीन बार मसौदे बना चुकी है, लेकिन विधानसभा चुनावों और तालाब के कैचमेंट को खत्म करने वाले विवादों की वजह से इन मसौदों को लागू नहीं किया जा सका है। इन मसौदों पर सरकार के एक करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुके हैं। लेकिन अभी तक फायनल स्टेज नहीं आ पायी है। स्मार्ट सिटी और अटल मिशन फार अर्बन रिजुवेनेशन एंड ट्रांसफार्मेशन में फंडिग के लिए सरकार को चार साल के भीतर नया प्लान बनाना जरूरी है। इसलिए अब सरकार को मास्टर प्लान जल्दी लाना होगा।
भोपाल मास्टर प्लान 2031 में मैप से ली गयी नई सेटेलाइट इमेज पर काम किया जा रहा है। इसके बाद आबादी को जियोग्राफिक, टैफिक यूटिलिटी का सर्वे किया गया है। इसके बाद पुराने प्लान पर नया लैंडयूज देखा जाएगा। मास्टर प्लान 2005 में मानचित्र में आरक्षित 27 हजार 103 हेक्टेयर भूमि 143 व्यक्ति प्रगति हेक्टेयर के मान से 2031 तक 35 लाख की आबादी के लिए पर्याप्त है। पब्लिक सेमी पब्लिक लैंडयूज में बनने वाले स्कूल, अस्पताल और जनकल्याण केन्द्रों की जगह को लेकर भी प्लानिंग की जानी है। केरवा कलियासोत से लेकर कोलार डेम तक होने वाले निर्माण भी अब फोकस में हैं।
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