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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश कौशल उन्नयन में देश का नम्बर एक राज्य बने। देश-प्रदेश के रोजगार के अवसरों में प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले। श्री चौहान मंत्रालय में व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद की साधारण सभा की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल उन्नयन राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी एवं मुख्य सचिव श्री बी.पी.सिंह भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रोजगार की माँग और आपूर्ति में संतुलन की जरूरत बताते हुए कहा कि बहुउद्देश्यीय व्यवसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था जरूरी है। उद्योग जगत की कार्मिक आवश्यकताओं का अध्ययन कर, उनके अनुसार कुशल व्यक्ति उपलब्ध हों, इसके प्रभावी प्रबंध जरूरी है। उन्होंने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण व्यवस्था और पाठ्यक्रम को विश्व-स्तरीय बनाने पर फोकस करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने वाली उत्कृष्ट निजी संस्थाओं का भी अध्ययन करवाया जाये। प्रदेश के कौशल उन्नयन कार्यक्रम में उनकी भी सकारात्मक सहभागिता ले सकते हैं। उन्होंने परिषद द्वारा संचालित प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में शामिल प्रतिभागियों के रोजगार की स्थिति का अध्ययन करवाकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को परिषद के अंतर्गत एकीकृत करवाने के निर्देश दिये।
बताया गया कि अप्रैल माह में ग्लोबल स्किल समिट का आयोजन किया जायेगा। समिट में उद्योग समूहों की कुशल श्रमिक आवश्यकताओं का चिन्हांकन और इन्टेंशन-टू-एम्प्लॉय अनुबंध किये जायेंगे। यह तय किया गया कि व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद का स्वरूप परिवर्तित कर मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास मिशन का गठन किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि विभाग ने कौशल उन्नयन का व्यापक कार्यक्रम तैयार किया है। इस वर्ष 7.5 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षण का लक्ष्य तय किया गया है। वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडरों द्वारा विगत 6 वर्ष में 2 लाख 68 हजार व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया गया है। आई.टी.आई. की परीक्षाएँ ऑनलाइन करने वाला प्रदेश देश का प्रथम राज्य है।
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