बर्रूकट आलोक बनाएंगे शाकिर का भोपाल
भोपाल के नए महापौर आलोक शर्मा कहा कि वे भोपाल को लंदन या पेरिस बनाने की बात नहीं करते, मगर यह जरूर चाहूंगा कि शाकिर अली के सपनों का भोपाल बना सकूं। उल्लेखनीय है प्रसिद्ध कम्युनिस्ट- नेता शाकिर अली ने भोपाल के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था ।आलोक शर्मा ने खुद को बर्रूकट भोपाली बताते हुए कहा मैं शाकिर अली की तरह ही काम करूंगा। उन्होंने इस जीत को कार्यकर्ता और मुख्यमंत्री की जीत बताते हुए कहा कि अवैध कॉलोनियों को वैध करवाकर शहरवासियों को नर्मदा का पेयजल दिया जाएगा।आलोक भले ही शाकिर के भोपाल की बात करें लेकिन उन के सामने मुसीबतें काम नहीं आएंगी क्योंकि अब से पहले भोपाल को पेरिस और सिंगापुर बनाने की घोषणाओं के बीच शुरु की गई महत्वाकांक्षी योजनाएं अधूरेपन का शिकार हैं। जेएनएनआरयूएम के तहत बीआरटीएस कॉरीडोर और गरीबों के लिए बनाए गए बहुमंजिला आवास के लिए निर्धारित समय बीत चुका है और वित्तीय मदद देने से केंद्र सरकार ने साफ मना कर दिया है। ऐसे में अधूरा बीआरटीएस सुविधा के बजाय शहर की रफ्तार पर ग्रहण बनता जा रहा है।ट्रैफिक सुचारु और गतिमान बनाए रखने के लिए फुट ओवर ब्रिज और रेलवे ओवर ब्रिज बनाने के तहत सिर्फ ज्योति टॉकीज के सामने एफओबी बना। वैसे तो शहरभर में 21 स्थानों का चयन एफओबी के लिए किया गया था, लेकिन 20 एफओबी की डीपीआर तक नहीं बन सकी। हबीबगंज का अधूरा आरओबी परेशानी बढ़ा रहा है।शहरी क्षेत्र में नगर निगम के हिस्से की साढे चार सौ किमी लंबाई में सड़कें और गलियां हैं। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी और अन्य एजेंसियों की 700 किमी की सड़कें हैं। शहर के अंदरुनी हिस्से की सड़कें सुधरने के पहले ही उखड़ती रही और खुदाई का शिकार होकर गड्ढों में तब्दील हो गर्इं, जिनका रेस्टोरेशन सिर्फ कागजों में होता आया है। चुनाव से पहले 30 करोड़ से सड़क निर्माण एवं मरम्मत के लिए तत्कालीन पार्षदों ने बुकिंग की थी, जिस पर अब अमल होना मुश्किल होगा।एक ओर शहर में चौबीस घंटे सातों दिन पेयजल सप्लाई के लिए ढाई सौ करोड़ फूंके जा चुके हैं, दूसरी ओर, आधे से ज्यादा भोपाल में पेयजल की सुचारु सप्लाई तक नहीं हो पा रही। घर-घर मीटर लगाने की योजना पायलट प्रोजेक्ट से आगे नहीं बढ़ पा रही। रोजाना पानी सप्लाई सिर्फ कागजों में, वास्तव में एक दिन के अंतर से सप्लाई।अभी सिर्फ प्रस्ताव है कि, काली मंदिर से रेलवे स्टेशन तक 1600 मीटर लंबे और 18 मीटर चौड़े फ्लाईओवर का निर्माण 40 करोड़ रुपए से होगा। इससे नए शहर की तरफ से आने वाला ट्रैफिक सीधे रेलवे स्टेशन जा सकेगा। इसी तरह बुधवारा, बस स्टैंड, छोला की ओर का ट्रेफिक सीधे काली मंदिर और बुधवारा की ओर जा सकेगा।