कोलार में सीवेज नेटवर्क को दुरुस्त करने के लिए अमृत योजना का इंतजार है। क्षेत्र में वर्षों से सीवेज योजना ठप्प पड़ी हुई है। दो साल पहले बिगड़े सीवेज नेटवर्क सिस्टम को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोलार की जनता से जो वादा किया था, उसे दो साल बाद भी पूरा नहीं किया गया है। निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह घोषणा सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गई है। इधर कोलारवासी लंबे समय से सीवेज नेटवर्क सिस्टम के डाले जाने का इंतजार कर रहे हैं। क्षेत्र के वातावरण में सीवेज की दुर्गंध के कारण नागरिकों को जीना मुश्किल हो रहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो राजनेता इस प्रोजेक्ट में अड़ंगा डाले हुए हैं। जिस वजह से प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं किया जा रहा है।
सीएम की घोषणा पर अमल में देरी
गौरतलब है कि 5 मार्च 2015 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां 52 करोड़ रुपए लागत की कोलार नगर पेयजल योजना शिलान्यास कार्यक्रम में आए थे। उस वक्त सीएम सभा को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर कोलार क्षेत्र के सीवेज सिस्टम निर्माण के लिए उन्होंने 80 करोड़ की राशि देने की घोषणा की थी। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर व महापौर और विधायक भी मौजूद थे।
पानी के बाद दूसरी बड़ी समस्या है सीवेज की
कोलार में पानी के बाद दूसरी बड़ी समस्या सीवेज की है। क्षेत्र की अधिकांश कॉलोनियों में जहां सीवेज लाइन ही नहीं डली हुई हैए वहीं दूसरी तरफ सीवेज की निकासी के लिए कोई बेहतर इंतजाम
नहीं है।
महापौर आलोक शर्मा ने कहा कोलार में सीवेज लाइन दुरुस्त होगी। इसके लिए पूरे शहर को ध्यान में रखा जा रहा है। बड़ी राशि की जरूरत है, इसलिए अमृत योजना के तहत राशि जुटायी जा रही है।
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