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मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के 9वें दिन की कार्यवाही शुरू होते ही महू में आदिवासी युवती की मौत का मुद्दा गूंजा। प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस ने सदन में इस मुद्दे पर एक बार फिर बहस छेड़ दी। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जवाब देते हुए कहा- शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि युवती की मौत करंट से हुई है। पुलिस ने भीड़ से बचने के लिए फायरिंग की। इसमें युवक की जान चली गई। मृतक के परिवार को 4 लाख रुपए दिए गए हैं।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा, पुलिस को कमर के नीचे गोली चलाने के निर्देश होते हैं, उसके सीने पर गोली मारी गई। पूर्व मंत्री और महेश्वर से विधायक विजयलक्ष्मी साधो बोलीं- एफआईआर में 3 घंटे का गैप है। लाठीचार्ज कर सकते थे, सीधे गोली मार दी। गहमागहमी और हंगामे के बीच कांग्रेस विधायक सदन के गर्भगृह में पहुंच गए। नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया।बता दें, इंदौर के महू में आदिवासी युवती की मौत के बाद बवाल हो गया। लोगों ने पुलिस चौकी पर पथराव किया। पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ भी कर दी। इस पूरे बवाल में बडगोंदा थाना प्रभारी भरत सिंह ठाकुर समेत 12 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। आईजी आर. गुप्ता कहा- पुलिस ने सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। मामला महू के बडगोंदा थानाक्षेत्र का है।सदन के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, घटना पूरे मध्यप्रदेश के लिए बड़ा कलंक है। 18 साल में भाजपा सरकार ने यह हासिल किया है कि मध्यप्रदेश को आदिवासी अत्याचार के 13 मुकुट मिले हैं। बाकी 5 बार प्रदेश दूसरे नंबर पर रहा है। यह NCRB की रिपोर्ट है।
सदन में संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- दो बातें सामने आ रही हैं। आरोपी यदुनंदन पाटीदार को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके साथ बिटिया रहती थी। पानी गर्म करने वाली रॉड से करंट लगने से युवती की मौत होने की बात सामने आई है। मुख्यमंत्री ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
महेश्वर से विधायक विजयलक्ष्मी साधौ बोलीं- लड़की की मां सीधे-सीधे आरोप लगा रही है कि उसकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। गृहमंत्री ने लड़की का चरित्र चित्रण पहले से कर दिया कि वह लिवइन में रहती थी। मामा आदिवासियों के हितैषी बनकर ढोंग रच रहे हैं।
पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा, लटेरी कांड में जांच कमेटी बनाई, समय पूरा हो गया, फिर समय बढ़ा दिया। इस मामले में भी कमेटी बना दी, यहां भी समय बढ़ा देंगे। दोनों मृतक के परिवार को 1-1 करोड़ रुपए, सरकारी नौकरी की मांग की, तो गृहमंत्री मौनी बाबा बनकर बैठ गए।
मंडला जिले के निवास से विधायक अशोक मर्सकोले ने कहा, आदिवासियों का मामला आता है, तो ऐसे दबाया क्यों जाता है। इस पूरे मामले को ढंकने की कोशिश की गई है। धार के मनावर से विधायक हीरालाल अलावा ने कहा, गोली चलाने का आदेश किसने दिया, चाहे गृहमंत्री ही क्यों न हों, उन पर कार्रवाई होना चाहिए। यह आदिवासी बर्बरता का सबसे बड़ा उदाहरण है, इसे हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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