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कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आर्थिक सर्वेक्षण और बजट 2023-24 पर परिचर्चा में सीएम शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए। सीएम ने कहा- अक्सर बजट बड़ा रूखा सूखा विषय होता है, जिस पर जनता को लगता है कि हमारा काम ही नहीं। रुचि केवल इतनी रहती है कि हमें क्या मिलेगा। हमारा प्रयास है कि बजट बनाने में जनता का सहयोग मिले। इसलिए पिछले साल से जनता से सुझाव लेने की शुरुआत की। 4 हजार सुझाव मिले उनमें से कई चीजें शुरू करने का प्रयास किया। आर्थिक सर्वेक्षण के कुछ तथ्य आपके सामने रखना चाहता हूं। 2022-23 में तेजी से बढ़ते मप्र की तस्वीर दिखती है।कृषि, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य शिक्षा, अधोसंरचना, कौशल विकास, सार्वजनिक वित्त जैसे विषयों में मप्र ने अच्छा प्रदर्शन किया है। आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े बताते हैं कि सही दिशा में प्रयास किए जाएं तो कठिनाईओं में आपदा को भी अवसर में बदला जा सकता है। मप्र में कभी 3-4 प्रतिशत से ज्यादा ग्रोथ रेट नहीं बढ़ती थी। 2003 में केवल 71 करोड़ के आसपास सकल घरेलू उत्पाद होता था। लेकिन 2021-22 का सकल घरेलू उत्पाद में 18 गुना वृद्धि हुई है। पर कैपिटल इनकम भी बढ़ी है। फिर भी मैं संतुष्ट नहीं हूं। हमें और आगे जाना है।सीएम ने कहा हम पर कई बार आरोप लगते हैं ..कर्जा ले लिया, लेकिन ऋण लेने के कुछ मापदंड होते हैं। जीएसडीपी अनुपात 2005 में 39.5% था। लेकिल 2020-21 में घटकर 32% हो गया। अब लगातार पूंजीगत व्यय कोविड के कठिन दौर में सर्वाधिक पूंजीगत व्यय किया। कोविड की कठिनाईयों के बाद भी राज्य का रेवेन्यू 7.94% की दर से बढ़ा है। हम टॉप 5 राज्यों में शामिल हैं। लगातार हम अपना राजस्व बढ़ृा रहे हैं। ये सुखद संयोग हैं। स्ट्रीट वेंडर्स को बिना ब्याज के 10 हजार रुपए मिलते हैं। इस स्ट्रीट वेंडर में हमने 6 लाख वेंडर्स को ऋण देकर उनकी आजीविका बढ़ाने का काम किया गया है।सीएम ने कहा आधी आबादी महिलाओं की है। शोषित पीडित रही। लाड़ली लक्ष्मी, कन्या विवाह जैसी योजनाएं बनाईं। और इस साल लाडली बहना योजना शुरू की है। हम 1 लाख 2 हजार 976 करोड़ रुपए बहनों पर खर्च करेंगे। ये फ्री में बांटना नहीं। एक बात और बताना चाहता हूं। हमने 2017 में बैगा भारिया, सहरिया महिलाओं के खातों में एक हजार रुपए डालने का काम शुरू किया। सुशासन संस्थान के सर्वे में उन घरों में पोषण का स्तर बढ़ गया। मेरी इच्छा है कि भोपाल में बडे तालाब के सिरे से केबल कार चले। मैं चाहता हूं कि बजट पर ग्राम सभाएं हों। सब बजट को समझें और शेयर करें। और अगली बार और अच्छा बजट बनाने में अपने सुझाव दें।
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